पुरुष | Person| Purush

हिन्दी व्याकरण : पुरुष | Person| Purush

पुरुष - परिभाषा, भेद एवं उदाहरण : हिन्दी व्याकरण


पुरुष की परिभाषा

वे व्यक्ति जो संवाद के समय भागीदार होते हैं, उन्हें पुरुष कहा जाता है।
किसी संवाद में जो भागीदार होते हैं, उन्हें पुरुष कहा जाता है।
उदाहरण : 1. यह रमेश है ।
इस वाक्य में वक्ता अपने सामने स्थित किसी व्यक्ति के विषय में बता रहा है । वह इस संवाद में भागीदार है ।
उदाहरण : 2. मेरा नाम सचिन है।
इस वाक्य में वक्ता(सचिन) अपने बारे में बता रहा है। वह इस संवाद में भागीदार है एवं श्रोता भी।
उदाहरण : 3. राम यहाँ आओ ।
इस वाक्य में वक्ता श्रोता को आने के लिए कह रहा है । अतः इसमें वक्ता एवं श्रोता शामिल हैं ।


पुरुष के प्रकार

हिन्दी में तीन पुरुष होते हैं :-
1. उत्तम पुरुष | First Person:- मैं, हम
2. मध्यम पुरुष | Second Person:- तुम, आप
3. अन्य पुरुष | Third Person:- वह, वे , यह , ये , आप , आप सब , राम , रमा आदि

क्रमपुरुषएकवचनबहुवचन
1.उत्तम पुरुष मैंबहम
2.मध्यम पुरुषतुमतुम लोग / तुम सब
3.अन्य पुरुषयहये


1. उत्तम पुरुष

यह वक्ता खुद होता है। वक्ता मैं, मुझे, मुझको, मेरा, मेरी आदि शब्दों का खुद के बारे में बताने के लिए करता है।
उत्तम पुरुष में मैं और हम शब्द का प्रयोग होता है, जिसमें हम का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों के रूप में होता है। इस प्रकार हम उत्तम पुरुष एकवचन भी है और बहुवचन भी है।
मिसाल के तौर पर यदि ऐसा कहा जाए कि "हम सब भारतवासी हैं", तो यहाँ हम बहुवचन है और अगर ऐसा लिखा जाए कि "हम विद्युत के कार्य में निपुण हैं", तो यहाँ हम एकवचन के रूप में भी है और बहुवचन के रूप में भी है। हमको सिर्फ़ तुमसे प्यार है - इस वाक्य में देखें तो, "हम" एकवचन के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
वक्ता अपने आपको मान देने के लिए भी एकवचन के रूप में हम का प्रयोग करते हैं। लेखक भी कई बार अपने बारे में कहने के लिए हम शब्द का प्रयोग एकवचन के रूप में अपने लेख में करते हैं। इस प्रकार हम एक एकवचन के रूप में मानवाचक सर्वनाम भी है।
उत्तम पुरुष के कुछ उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. मेरा नाम प्रभात है ।
उदाहरण : 2. मैं खाना खाना चाहता हूँ।
उदाहरण : 3. मुझे पढ़ना व पढाना पसन्द है ।
उदाहरण : 4. मेरा नाम विकास है।
उदाहरण : 5. मैं कोटा से हूँ ।
उदाहरण : 6. मैं दिल्ली में रहता हूँ।
उदाहरण : 7. मैं जयपुर जा रहा हूँ।
उदाहरण : 8. मेरा लक्ष्य अध्यापक बनना है ।
उदाहरण : 9. मैं दिन में तीन बार खाना खाता हूँ।
उदाहरण : 10. मेरे बहुत सारे दोस्त हैं।
उदाहरण : 11. मुझे स्कूल जाना पसंद है।
उदाहरण : 12. मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
उदाहरण : 13. मेरी पसंदीदा पुस्तक रामचरितमानस है ।
उदाहरण : 14. मेरा घर मुंबई में है।
उदाहरण : 15. मेरे पापा बहुत अच्छे हैं।
उदाहरण : 16. सुधांशु जी मेरे प्रिय अध्यापक हैं ।
उदाहरण : 17. मुझको बरसात पसंद है।
उदाहरण : 18. मुझको बारिश में भीगना पसंद नहीं है।
उदाहरण : 19. मुझको पुस्तकों से प्यार है ।

उपर्युक्त वाक्यों में वक्ता ‘मैं’,’मेरे’,’मुझे’, ‘मुझको’, 'मेरा’ , ‘मेरी’ आदि शब्दों का प्रयोग करके खुद के बारे में बता रहा है। अतः ये शब्द उत्तम पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।

2. मध्यम पुरुष

मध्यम पुरुष श्रोता होता है जिससे वक्ता बात करता है। वक्ता श्रोता के लिए आप, तुम, तुमको, तुझे, तू आदि शब्दों का प्रयोग करता है।
मध्यम पुरुष के कुछ उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ।
उदाहरण : 2. आप यहाँ बैठिये ।
उदाहरण : 3. तुम मुझे पसंद हो।
उदाहरण : 4. तुमको किसी दूसरी जगह जाना चाहिए।
उदाहरण : 5. तू तो दिल्ली जाने वाला था ?
उदाहरण : 6. जो मैंने तुझे कहा था वही करना है।
उदाहरण : 7. तुम कब आयी ?
उदाहरण : 8. तू बोलता है तो ठीक ही होगा।
उदाहरण : 9. आप आज ठीक नहीं लग रहे।
उदाहरण : 10. आजकल आप कहाँ रहते हैं ?
उदाहरण : 11. तुझे वही करना है जो मैं कहता हूं ।
उदाहरण : 12. तुम क्या कर रहे हो?
उदाहरण : 13. तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।
उदाहरण : 14. आप बाज़ार से सामान लेकर आओ।
उदाहरण : 15. तुमको यहाँ नही होना चाहिए ।

ऊपर दिए वाक्यों में वक्ता ने ‘आपको’, ‘तुम’, ‘तुमको’, ‘तुझे’, ‘तू’, ‘आप’ आदि शब्द श्रोता के लिए किये हैं। अतः ये शब्द मध्यम पुरुष की श्रेणी में आते हैं।

3. अन्य पुरुष

अन्य पुरुष वह होता है जिस तीसरे आदमी के बारे में श्रोता और वक्ता बात करते है। यह, वह, ये, वे, ‘उसका’ , ‘इन्हें’ , ‘इनका’ , ‘राम’ , ‘रमा’ आदि शब्द तेस्सरे व्यक्ति के बारे में बताने के लिए किये जाते हैं।
अन्य पुरुष के उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. वह फुटबॉल बहुत अच्छा खेलता है।
उदाहरण : 2. वह पढ़ने में होशियार है ।
उदाहरण : 3. मैंने आपको बताया था वह पढाई में नहुत तेज़ है।
उदाहरण : 4. उसे सौ रुपये दे दो ।
उदाहरण : 5. वह अमेरिका जाने के सपने देख रहा है।
उदाहरण : 6. उसका काम दूसरों की सहायता करना ही है ।
उदाहरण : 7. इन्हें हमारा विद्यालय दिखाओ ।
उदाहरण : 8. उसका सपना एक दिन पूरा होगा।
उदाहरण : 9. इनकी व्यापार में कोई रुचि नही है ।
उदाहरण : 10. इनकी तुममे कोई रूचि नहीं है।
उदाहरण : 11. राम भोजन करके आता ही होगा ।
उदाहरण : 12. इन्हें बाहर का रास्ता दिखादो।रमा एक विदुषी बालिका है ।
उदाहरण : 13. रमा एक विदुषी बालिका है ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता ‘वह’, ‘उसका’, ‘इन्हें’ आदि शब्द प्रयोग करके किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में श्रोता को बता रहा है। अतः ये शब्द्द अन्य पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।



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वचन | Number

हिन्दी व्याकरण : वचन | Number



वचन | NUMBER

"जिस शब्द से एक या अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं " हिंदी में मुख्य रूप से एकवचन और बहुवचन को मान्यता प्राप्त है।
शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में 'वचन' कहते है।

जहां किसी एक व्यक्ति को इंगित किया जा रहा हो वहां एकवचन अथवा जहां पूरे समाज को इंगित किया गया हो वहां बहुवचन होता है।

वचन का अभिप्राय संख्या से है। विकारी शब्दों के जिस रूप से उनकी संख्या (एक या अनेक) का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। अर्थात संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु के संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. पुस्तक-पुस्तकें ।
उदाहरण : 2. घोड़ा-घोड़े ।
उदाहरण : 3. लड़का-लड़के ।

वचन की परिभाषा

वचन का शब्दिक अर्थ संख्यावचन होता है।वचन का एक अर्थ कहना भी होता है। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति , वस्तु के एक से अधिक होने का या एक होने का पता चले उसे वचन कहते हैं। अथार्त संज्ञा के जिस रूप से संख्या का बोध हो उसे वचन कहते हैं अथार्त संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण और क्रिया के जिस रूप से हमें संख्या का पता चले उसे वचन कहते हैं।दूसरे शब्दों में- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे 'वचन' कहते है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. लडकी खेलती है।
उदाहरण : 2. लडकियाँ खेलती हैं।

वचन का शाब्दिक अर्थ

वचन का शाब्दिक अर्थ है- 'संख्यावचन'। 'संख्यावचन' को ही संक्षेप में 'वचन' कहते है। वचन का अर्थ कहना भी है।

वचन के प्रकार

हिन्दी में वचन के दो भेद होते हैै-
[1]. एकवचन | Singular
[2]. बहुवचन | Plural

[1].एकवचन | Singular

शब्द के जिस रूप से एक वस्तु या एक पदार्थ का ज्ञान होता है, उसे एकवचन कहते हैं।
संज्ञा के जिस रूप से एक व्यक्ति या एक वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते है।
उदाहरण जैसे :-
स्त्री, घोड़ा, नदी, रुपया, लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, बालक, किताब, मेज, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, टोपी, बंदर, मोर आदि।

[2]. बहुवचन | Plural

शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति या वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते है।
शब्द के जिस रूप से अधिक वस्तुओं या पदार्थों का ज्ञान होता है, उसे बहुवचन कहते हैं
उदाहरण जैसे :--
गायें, कपड़े, स्त्रियाँ, टोपियाँ, मालाएँ, घोड़े, नदियाँ, रूपये, लड़के, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, लताएँ, बेटे आदि।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. फ्रिज में सब्जियाँ रखी हैं।
उदाहरण : 2. तालाब में मछलियाँ तैर रही हैं।
उदाहरण : 3. माली पौधे सींच रहा है।
उदाहरण : 4. कछुआ खरगोश के पीछे है।

उपर्युक्त वाक्यों में फ्रिज, तालाब, माली, कछुआ एकवचन के शब्द हैं तथा सब्जियाँ, मछलियाँ, पौधे, खरगोश बहुवचन के शब्द।

विशेष : एकवचन और बहुवचन के कुछ नियम इस प्रकार है

[i]. आदरणीय व्यक्तियों के लिए सदैव बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण : 1. पापाजी कल मुंबई जायेंगे।
उदाहरण : 2. गुरूजी आज नहीं आये।
उदाहरण : 3. शास्त्रीजी बहुत ही सरल स्वभाव के थे।
उदाहरण : 4. श्री रामचन्द्र वीर थे।
उदाहरण : 5. गांधीजी छुआछुत के विरोधी थे।
उदाहरण : 6. पापाजी कल कलकत्ता जायेंगे।

[ii]. संबद्ध दर्शाने वाली कुछ संज्ञायें एकवचन और बहुवचन में एक समान रहती है।
उदाहरण : 1. ताई, मामा, दादा, नाना , मामी , ताऊ , नानी , चाचा , चाची , दादी, चाचा आदि।

[iii]. द्रव्यसूचक संज्ञायें एकवचन में प्रयोग होती है।
उदाहरण : 1. पानी, तेल, घी, दूध, दही , लस्सी , रायता आदि।

[iv]. बड़प्पन दिखाने के लिए कभी -कभी वक्ता अपने लिए 'मैं' के स्थान पर 'हम' का प्रयोग करता है
उदाहरण : 1. 'हमें' याद नहीं कि हमने कभी 'आपसे' ऐसा कहा हो।
उदाहरण : 2. जब गुरूजी घर आये तो वे बहुत खुश थे।
उदाहरण : 3. हमे याद नहीं हमने ऐसा कहा था।
उदाहरण : 4. मालिक ने नौकर से कहा कि हम मीटिंग में जा रहे हैं।

[v]. कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयोग किये जाते है
उदाहरण : 1. दाम, दर्शन, प्राण, आँसू , लोग , अक्षत , होश , समाचार , हस्ताक्षर , दर्शक , भाग्य केश , रोम , अश्रु , आशिर्वाद आदि।
उदाहरण जैसे :--
उदाहरण : 1. लोग कहते रहते हैं।
उदाहरण : 2. आपके हस्ताक्षर बहुत ही अलग हैं।
उदाहरण : 3. आपका आशिर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया हूँ।
उदाहरण : 4. आपके दर्शन मिलना मुस्किल है।
उदाहरण : 5. तुम्हारे दाम ज्यादा हैं।
उदाहरण : 6. आज के समाचार क्या हैं ?

[vi]. जातिवाचक संज्ञायें दोनों ही वचनों में प्रयुक्त होती है।
उदाहरण : 1. बैल के चार पाँव होते हैं।
उदाहरण : 2. 'कुत्ता' भौंक रहा है।
उदाहरण : 3. 'कुत्ते' भौंक रहे है।
उदाहरण : 4. शेर जंगल का राजा है।

[vii]. पुल्लिंग ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारान्त शब्द दोनों वचनों में समान रहते है।
उदाहरण : 1. एक मुनि -दस मुनि ।
उदाहरण : 2. एक डाकू -दस डाकू ।
उदाहरण : 3. एक आदमी -दस आदमी ।

[viii]. अच्छा व्यवहार करने के लिए 'तुम' के स्थान पर 'आप' का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण : 1. 'आप' कल कहाँ गये थे ?

परन्तु धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञायें एकवचन में ही प्रयुक्त होती है।
उदाहरण : 1. 'सोना' महँगा है ।
उदाहरण : 1. चाँदी' सस्ती है।
उदाहरण : 1. उसके पास बहुत धन है।

वचन के कुछ महत्वपूर्ण उदहारण

क्रमएकवचनबहुवचन
1.पुस्तकपुस्तकें
2.मालामालाएं
3.गायगायें
4.मकानमकानों
5.बहनबहने
6.मातामाताओं
7.फलफलों
8.सब्जीसब्जियां
9.बच्चाबच्चें
10.खिड़कीखिड़कियां
11.नदीनदियां
12.गुड़ियागुड़ियाँ
13.सेनासेनाएँ
14.कथाकथाओं
15.बहुबहुएँ


वचन का वाक्य में प्रयोग

उदाहरण : 1. मिठाई पर मक्खी बैठी है। – मिठाइयों पर मक्खियाँ बैठी है।
उदाहरण : 2. उसकी बेटी स्कुल जाती है – उसकी बेटियां स्कुल जाती है।
उदाहरण : 3. छात्र पाठशाला में पढ़ते हैं – छात्रो का अध्ययन पाठशालाओं में होता है।


एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

विभिक्तिरहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम या उपसर्ग बनाने में प्रमुख प्रत्यय

[1].आकारान्त पुल्लिंग शब्दों में 'आ' के स्थान पर 'ए' लगाने से-

क्रमएकवचनबहुवचन
1.जूताजूते
2.तारा तारे
3.लड़का लड़के
4.घोड़ा घोडे
5.बेटाबेटे
6.मुर्गामुर्गे
7.कपड़ा कपड़े

[2]. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों में 'अ' के स्थान पर 'एें' लगाने से-

क्रमएकवचनबहुवचन
1.बात बातें
2.पुस्तक पुस्तकें
3.कलम कलमें
4.रात रातें
5.आँख आखें

[3]. जिन स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में 'या' आता है, उनमें 'या' के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाने से बहुवचन बनता है।

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.चुहिया चुहियाँ
2.डिबिया डिबियाँ
3.गुडिया गुडियाँ
4.बिंदिया बिंदियाँ
5.चिडिया चिडियाँ

[4]. ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के 'इ' या 'ई' के स्थान पर 'इयाँ' लगाने से-

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.नारी नारियाँ
2.गति गतियाँ
3.थाली थालियाँ
4.तिथि तिथियाँ

[5]. आकारांत स्त्रीलिंग एकवचन संज्ञा-शब्दों के अन्त में 'एँ' लगाने से बहुवचन बनता है।

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.भुजा भुजाएँ
2.पत्रिका पत्रिकाएँ
3.अध्यापिका अध्यापिकाएँ
4.कन्या कन्याएँ
5.माता माताएँ
6.शाखाशाखाएँ
7.कामना कामनाए
8.कथा कथाएँ
9.लता लताएँ

[6]. इकारांत स्त्रीलिंग शब्दों में 'याँ' लगाने से-

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.जातिजातियाँ
2.रीति रीतियाँ
3.नदी नदियाँ
4.लड़कीलड़कियाँ

[7]. उकारान्त व ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में 'एँ' लगाते है। 'ऊ' को 'उ' में बदल देते है-

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.वस्तु वस्तुएँ
2.गौ गौएँ
3.बहु बहुएँ
4.वधू वधुएँ
5.गऊ गउएँ

[8]. संज्ञा के पुंलिंग अथवा स्त्रीलिंग रूपों में 'गण' 'वर्ग' 'जन' 'लोग' 'वृन्द' 'दल' आदि शब्द जोड़कर भी शब्दों का बहुवचन बना देते हैं।

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.गरीब.गरीब लोग
2.स्त्रीस्त्रीजन
3.नारीनारीवृन्द
4.अध्यापक अध्यापकवृंद
5.विद्यार्थी विद्यार्थीगण
6.आपआपलोग
7.श्रोता श्रोताजन
8.मित्रमित्रवर्ग
9.सेनासेनादल
10.गुरु गुरुजन
11.अधिकारी अधिकारीवर्ग
12.पाठकपाठकगण

[9]. कुछ शब्दों में गुण, वर्ण, भाव आदि शब्द लगाकर बहुवचन बनाया जाता है।

उदाहरण जैसे :-
क्रमएकवचनबहुवचन
1.मित्र मित्रवर्ग
2.सुधी सुधिजन
3.व्यापारी व्यापारीगण

नोट- कुछ शब्द दोनों वचनों में एक जैसे रहते है। जैसे- पिता, योद्धा, चाचा, मित्र, फल, बाज़ार, अध्यापक, फूल, छात्र, दादा, राजा, विद्यार्थी आदि।


विभक्तिसहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम


विभक्तियों से युक्त होने पर शब्दों के बहुवचन का रूप बनाने में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता। इसके कुछ सामान्य नियम निम्नलिखित है-


[1]. अकारान्त, आकारान्त (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारान्त संज्ञाओं में अन्तिम 'अ', 'आ' या 'ए' के स्थान पर बहुवचन बनाने में 'अों' कर दिया जाता है।
उदाहरण जैसे :-

क्रमएकवचनबहुवचन
1.घोड़ा घोड़ों
2.चोरचोरों
3.लडकालडकों
4.घर घरों
5.गधा गधों

[2]. संस्कृत की आकारान्त तथा संस्कृत-हिन्दी की सभी उकारान्त, ऊकारान्त, अकारान्त, औकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन का रूप देने के लिए अन्त में 'अों' जोड़ना पड़ता है। उकारान्त शब्दों में 'अों' जोड़ने के पूर्व 'ऊ' को 'उ' कर दिया जाता है।
उदाहरण जैसे :-

क्रमएकवचनबहुवचन
1.वधू वधुओं
2.घरघरों
3.जौजौअों
4.लता लताओं
5.साधुसाधुओं

[3]. सभी इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिए अन्त में 'यों' जोड़ा जाता है। 'इकारान्त' शब्दों में 'यों' जोड़ने के पहले 'ई' का इ' कर दिया जाता है।
उदाहरण जैसे :-

क्रमएकवचनबहुवचन
1.नदीनदियों
2.साड़ीसाड़ियों
3.श्रीमती श्रीमतियों
4.मुनि मुनियों
5.गली गलियों

वचन की पहचान

वचन की पहचान संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण अथवा क्रिया के द्वारा होती है- यह स्पष्ट है।

[1]. हिंदी भाषा में आदर प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. पिता जी, आप कब आए ?
उदाहरण : 2. मेरी माता जी मुंबई गई हैं।
उदाहरण : 3. गाँधी जी हमारे राष्ट्रपिता हैं।
उदाहरण : 4. शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
उदाहरण : 5. डॉ० मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री हैं।

[2]. कुछ शब्द सदैव एकवचन में रहते है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. नल खुला मत छोड़ो, वरना सारा पानी खत्म हो जाएगा।
उदाहरण : 2. मुझे बहुत क्रोध आ रहा है।
उदाहरण : 3. राजा को सदैव अपनी प्रजा का ख्याल रखना चाहिए।
उदाहरण : 4. गाँधी जी सत्य के पुजारी थे।
उदाहरण : 5. आकाश में बादल छाए हैं।
उदाहरण : 6. निर्दलीय नेता का चयन जनता द्वारा किया गया।

[3]. द्रव्यवाचक, भाववाचक तथा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ सदैव एकवचन में प्रयुक्त होती है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 2. बुराई की सदैव पराजय होती है।
उदाहरण : 3. प्रेम ही पूजा है।
उदाहरण : 4. किशन बुद्धिमान है।
उदाहरण : 5. चीनी बहुत महँगी हो गई है।
उदाहरण : 6. पाप से घृणा करो, पापी से नहीं।

[4]. कुछ शब्द सदैव बहुवचन में रहते है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. रवि जब से अफसर बना है, तब से तो उसके दर्शन ही दुर्लभ हो गए हैं।
उदाहरण : 2. दर्दनाक दृश्य देखकर मेरे तो प्राण ही निकल गए।
उदाहरण : 3. आजकल हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं।
उदाहरण : 4. आजकल मेरे बाल बहुत टूट रहे हैं।

वचन सम्बन्धी विशेष निर्देश

[1]. 'प्रत्येक' तथा 'हरएक' का प्रयोग सदा एकवचन में होता है।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. प्रत्येक व्यक्ति यही कहेगा।
उदाहरण : 2. हरएक कुआँ मीठे जल का नहीं होता।

[2]. प्राण, लोग, दर्शन, आँसू, ओठ, दाम, अक्षत इत्यादि शब्दों का प्रयोग हिन्दी में बहुवचन में होता है।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. आपके ओठ खुले कि प्राण तृप्त हुए।
उदाहरण : 2. आपलोग आये, आर्शीवाद के अक्षत बरसे, दर्शन हुए।

[3]. दूसरी भाषाओँ के तत्सम या तदभव शब्दों का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अनुसार होना चाहिए।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. अँगरेजी के 'फुट'(foot) का बहुवचन 'फीट' (feet) होता है किन्तु हिन्दी में इसका प्रयोग इस प्रकार होगा- दो फुट लम्बी दीवार है; न कि 'दो फीट लम्बी दीवार है'।

[4]. द्रव्यवाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में होता है।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. उनके पास बहुत सोना है ।
उदाहरण : 2. उनका बहुत-सा धन बरबाद हुआ।
उदाहरण : 3. न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी।

[5]. किन्तु, यदि द्रव्य के भित्र-भित्र प्रकारों का बोध हों, तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयुक्त होगी।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. यहाँ बहुत तरह के लोहे मिलते है।
उदाहरण : 2. चमेली, गुलाब, तिल इत्यादि के तेल अच्छे होते है।

वचन परिवर्तन के अन्य उदाहरण

एकवचन से बहुवचन परिवर्तन के उदहारण इस प्रकार हैं :

क्रमएकवचनबहुवचन
1.चुहिया चुहियाँ
2.गुडिया गुड़ियाँ
3.कहानी कहानियाँ
4.घड़ी घड़ियाँ
4.कुर्सी कुर्सियां
5.हड्डी हड्डियाँ
6.मिठाई मिठाइयाँ
7.तिनका तिनके
8.भेड़ भेड़ें
9.बहन बहनें
10.घोडा घोड़े
11.तस्वीर तस्वीरें
12.कक्षा कक्षाएँ
13.ऋतु ऋतुएँ
14.कमरा कमरे
15.भाषा भाषाएँ
16.सेना सेनाएँ
17.कविता कविताएँ
18.वस्तु वस्तुएँ
19.लता लताएँ
20.बुढिया बुढियां
21.चिड़िया चिड़ियाँ
22.दवाई दवाईयाँ
23.पत्ता पत्ते
24.बच्चा बच्चे
25.बेटा बेटे
26.कपड़ा कपड़े
27.लड़का लडके
28.बात बातें
29.आँख आँखें
30.पुस्तक पुस्तकें
31.किताब किताबें
32.रुपया रुपए


हिन्दी में एकवचन के स्थान पर बहुवचन के प्रयोग के कुछ अन्य उदाहरण

[i].बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर वे और मैं के स्थान हम का प्रयोग करते हैं
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. आज गुरुजी आए तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे।
उदाहरण : 2. मालिक ने कर्मचारी से कहा, हम मीटिंग में जा रहे हैं।

[ii]. आदर के लिए भी बहुवचन का प्रयोग होता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. शिवाजी सच्चे वीर थे।
उदाहरण : 2. भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे।
उदाहरण : 3. गुरुजी आज नहीं आये।

[iii].केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य आदि ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है।

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. लोग कहते हैं।
उदाहरण : 2. तुम्हारे केश बड़े सुन्दर हैं।

बहुवचन के स्थान पर एकवचन के प्रयोग के कुछ अन्य उदाहरण

[i]. वर्ग, वृंद, दल, गण, जाति आदि शब्द अनेकता को प्रकट करने वाले हैं, किन्तु इनका व्यवहार एकवचन के समान होता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. स्त्री जाति संघर्ष कर रही है।
उदाहरण : 2. सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है।

[ii]. जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में किया जा सकता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. मुंबई का आम स्वादिष्ट होता है।
उदाहरण : 2. सोना बहुमूल्य वस्तु है।

[iii]. तू एकवचन है जिसका बहुवचन है तुम किन्तु सभ्य लोग आजकल लोक-व्यवहार में एकवचन के लिए तुम का ही प्रयोग करते हैं

उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. क्या तुमने खाना खा लिया।
उदाहरण : 2. मित्र, तुम कब आए।



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Muhavare | Idioms | मुहावरे SET-1

हिन्दी व्याकरण : मुहावरे | Muhavare | Idioms



हिन्दी व्याकरण : मुहावरे

ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये, मुहावरा कहलाता है।

मुहावरे के प्रयोग से भाषा में सरलता, सरसता, चमत्कार और प्रवाह उत्पत्र होते है। इसका काम है बात इस खूबसूरती से कहना की सुननेवाला उसे समझ भी जाय और उससे प्रभावित भी हो।

‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा का है जिसका अर्थ है ‘अभ्यास होना’ या ‘आदी होना’। इस प्रकार मुहावरा शब्द अपने–आप में स्वयं मुहावरा है, क्योंकि यह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर असामान्य अर्थ प्रकट करता है। वाक्यांश शब्द से स्पष्ट है कि मुहावरा संक्षिप्त होता है, परन्तु अपने इस संक्षिप्त रूप में ही किसी बड़े विचार या भाव को प्रकट करता है।

किसी विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते हैं। शाब्दिक रूप से मुहावरा शब्द का अर्थ अभ्यास होता है। मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुन्दर, प्रभावशाली तथा संक्षिप्त व सरल बनाने के लिए जाता है। इस लेख में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण मुहावरों को हिंदी वर्णमाला के क्रम में दिया गया है।

ऐसा वाक्यांश है शब्दों का समूह जो अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं ऐसे वाक्यांशों को व्याकरण की दृष्टि से मुहावरा कहा जाता है। मुहावरे को किसी वाक्य में प्रयोग किया जाता है यह लोकोक्ति की भाँति स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
उदाहरण जैसे :- थाली का बैंगन होना का अर्थ है– सिद्धान्तहीन व्यक्ति

उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : 1. ‘काठ का उल्लू’।

इसका अर्थ यह नहीं कि लकड़ी का उल्लू बना दिया गया है, अपितु इससे यह अर्थ निकलता है कि जो उल्लू (मूर्ख) काठ का है, वह हमारे किस काम का, उसमें सजीवता तो है ही नहीं। इस प्रकार हम इसका अर्थ लेते हैं– ‘महामूर्ख’ से।

मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

भाषा की समृद्धि और उसकी अभिव्यक्ति क्षमता के विकास हेतु मुहावरों एवं कहावतों का प्रयोग उपयोगी होता है। भाषा में इनके प्रयोग से सजीवता और प्रवाहमयता आ जाती है, फलस्वरूप पाठक या श्रोता शीघ्र ही प्रभावित हो जाता है। जिस भाषा में इनका जितना अधिक प्रयोग होगा, उसकी अभिव्यक्ति क्षमता उतनी ही प्रभावपूर्ण व रोचक होगी।

मुहावरे का शब्दार्थ नहीं, उसका अवबोधक अर्थ ही ग्रहण किया जाता है ।

उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : 1. 'खिचड़ी पकाना'।
ये दोनों शब्द जब मुहावरे के रूप में प्रयुक्त होंगे, तब इनका शब्दार्थ कोई काम न देगा। लेकिन, वाक्य में जब इन शब्दों का प्रयोग होगा, तब अवबोधक अर्थ होगा- 'गुप्तरूप से सलाह करना'।

मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है।

उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : 1. 'लड़ाई में खेत आना' ।
इसका अर्थ 'युद्ध में शहीद हो जाना' है, न कि लड़ाई के स्थान पर किसी 'खेत' का चला आना।

मुहावरा की विशेषता

1. मुहावरा अपना असली रूप कभी नही बदलता अर्थात उसे पर्यायवाची शब्दों में अनूदित नही किया जा सकता।

2. मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है, अलग नही। जैसे, कोई कहे कि 'पेट काटना' तो इससे कोई विलक्षण अर्थ प्रकट नही होता है। इसके विपरीत, कोई कहे कि 'मैने पेट काटकर' अपने लड़के को पढ़ाया, तो वाक्य के अर्थ में लाक्षणिकता, लालित्य और प्रवाह उत्पत्र होगा।



यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ सहित दिए जा रहे है।

क्रममुहावरेमुहावरे का अर्थ
1अक्ल पर पत्थर पड़ना बुद्धि भष्ट होना
2आँख भर आना आँसू आना
3आँखों में बसना हृदय में समाना
4आँखें चार होना आमने-सामने होना
5आँखें मूँदना मर जाना
6आँखें चुराना नजर बचाना, अपने को छिपाना
7आखों में खून उतरना अधिक क्रोध करना
8आँखों में गड़ना किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा
9आँखें फेर लेना उदासीन हो जाना
10आँख मारना इशारा करना
11आँखों में धूल झोंकना धोखा देना
12आँखें बिछाना प्रेम से स्वागत करना
13आँखों का काँटा होना शत्रु होना
14अंक भरना स्नेह से लिपटा लेना
15अंग टूटना थकान का दर्द
16अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना स्वयं अपनी प्रशंसा करना
17अक्ल का चरने जाना समझ का अभाव होना
18अपने पैरों पर खड़ा होना स्वालंबी होना
19अक्ल का दुश्मन मूर्ख
20अपना उल्लू सीधा करना मतलब निकालना
21आँखे खुलना सचेत होना
22आँख का ताराबहुत प्यारा
23आँखे दिखानाबहुत क्रोध करना
24आसमान से बातें करनाबहुत ऊँचा होना
25अंगारों पर लेटनाडाह होना, दुःख सहना
26अँगूठा दिखानासमय पर धोखा देना
27अँचरा पसारनामाँगना, याचना करना
28अण्टी मारनाचाल चलना
29अन्धाधुन्ध लुटाना बिना विचारे व्यय
30अन्धा बनना आगे-पीछे कुछ न देखना
31अन्धा बनानाधोखा देना
32अन्धा होनाविवेकभ्रष्ट होना
33अन्धे की लकड़ी एक ही सहारा
34अन्धेरखाता अन्याय
35अन्धेर नगरी जहाँ धांधली का बोलबाला हो
36अकेला दम अकेला
37अक्ल की दुम अपने को बड़ा होशियार लगानेवाला
38अगले जमाने का आदमी सीधा-सादा, ईमानदार
39अढाई दिन की हुकूमतकुछ दिनों की शानोशौकत
40अत्रजल उठना रहने का संयोग न होना, मरना
41अत्रजल करना जलपान, नाराजगी आदि के कारण निराहार के बाद आहार-ग्रहण
42अत्र लगना स्वस्थ रहना
43अपना किया पाना कर्म का फल भोगना
44अपनासा मुँह लेकर रह जाना शर्मिन्दा होना
45अपनी खिचड़ी अलग पकाना स्वार्थी होना, अलग रहना
46अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारना संकट मोल लेना
47अबतब करना बहाना करना
48अबतब होना परेशान करना या मरने के करीब होना
49आँच न आने देना जरा भी कष्ट या दोष न आने देना
50आठआठ आँसू रोना बुरी तरह पछताना
51आसन डोलना लुब्ध या विचलित होना
52आस्तीन का साँप कपटी मित्र
53आसमान टूट पड़ना गजब का संकट पड़ना
54अढाई चावल की खिचड़ी अलग पकानासबसे अलग रहना
55अंगारों पर पैर रखनाअपने को खतरे में डालना, इतराना
56अक्ल का अजीर्ण होना आवश्यकता से अधिक अक्ल होना
57अक्ल दंग होना चकित होना
58अक्ल का पुतलाबहुत बुद्धिमान
59अन्त पानाभेद पाना
60अन्तर के पट खोलनाविवेक से काम लेना
61अक्ल के घोड़े दौड़ानाकल्पनाएँ करना
62अपनी डफली आप बजानाअपने मन की करना
63अन्धों में काना राजाअज्ञानियों में अल्पज्ञान वाले का सम्मान होना
64आकाशपाताल एक करनाअत्यधिक परिश्रम करना
65आकाश से तारे तोड़नाकठिन कार्य करना
66आकाश छूनाबहुत ऊँचा होना
67आग पर पानी डालनाक्रुद्ध को शांत करना, लड़नेवालों को समझाना-बुझाना
68आग पानी का बैरसहज वैर
69आग बबूला होनाअति क्रुद्ध होना
70आग में घी डालनाझगड़ा बढ़ाना, क्रोध भड़काना
71आग लगाकर तमाशा देखनाझगड़ा खड़ाकर उसमें आनंद लेना
72आग लगने पर कुआँ खोदनापहले से करने के काम को ऐन वक़्त पर करने चलना
73आग रखना मान रखना
74आटेदाल का भाव मालूम होनासांसरिक कठिनाइयों का ज्ञान होना
75आसमान दिखानापराजित करना
76आड़े हाथों लेनाझिड़कना, बुरा-भला कहना
77 ईंट से ईंट बजाना युद्धात्मक विनाश लाना
78ईंट का जबाब पत्थर से देना जबरदस्त बदला लेना
79ईद का चाँद होना बहुत दिनों बाद दिखाई देना
80 इन्द्र का अखाड़ाऐश-मौज की जगह
81उड़ती चिड़िया पहचानना मन की या रहस्य की बात ताड़ना
82उन्नीस बीस का अंतर होना एक का दूसरे से कुछ अच्छा होना
83उलटी गंगा बहाना अनहोनी हो जाना
84एक आँख से देखना बराबर मानना
85एक लाठी से सबको हाँकनाउचित-अनुचित का बिना विचार किये व्यवहार
86एक आँख न भानातनिक भी अच्छा न लगना
87ओखली में सिर देनाइच्छापूर्वक किसी झंझट में पड़ना, कष्ट सहने पर उतारू होना
88ओस के मोतीक्षणभंगुर
89 कागजी घोड़े दौड़ानाकेवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना
90 कान देना ध्यान देना
91 कान खोलना सावधान होना
92 कण पकरना बाज आना
93 कमर कसना तैयार होना
94 कलेजा मुँह का आनाभयभीत होना
95 कलेजे पर साँप लोटना डाह करना
96 कमर टूटना बेसहारा होना
97 किताब का कीड़ा होना पढाई के अलावा कुछ न करना
98कलम तोड़ना बढ़िया लिखना
99कोसों दूर भागना बहुत अलग रहना
100 कुआँ खोदना हानि पहुँचाने के यत्न करना
101 कल पड़नाचैन मिलना
102किरकिरा होनाविघ्र आना
103किस मर्ज की दवा किस काम के
104कुत्ते की मौत मरनाबुरी तरह मरना
105काँटा निकलना बाधा दूर होना
106कागज काला करना बिना मतलब कुछ लिखना
107किस खेत की मूली अधिकारहीन, शक्तिहीन
108कलई खुलनाभेद प्रकट होना
109कलेजा फटनादिल पर बेहद चोट पहुँचना
110करवटें बदलनाअड़चन डालना
111काला अक्षर भैंस बराबरअनपढ़, निरा मूर्ख
112काँटे बोनाबुराई करना
113काँटों में घसीटनासंकट में डालना
114काठ मार जानास्तब्ध हो जाना
115काम तमाम करनामार डालना
116किनारा करनाअलग होना
117कौड़ी के मेल बिकनाबहुत सस्ता बिकना
118कोदो देकर पढ़नाअधूरी शिक्षा पाना
119कपास ओटनासांसरिक काम-धन्धों में लगे रहना
120कीचड़ उछालनानिन्दा करना
121कोल्हू का बैल खूब परिश्रमी
122कौड़ी का तीन समझनातुच्छ समझना
123कौड़ी काम का न होनाकिसी काम का न होना
124कौड़ीकौड़ी जोड़नाछोटी-मोटी सभी आय को कंजूसी के साथ बचाकर रखना
125कचूमर निकालनाखूब पीटना
126कटे पर नमक छिड़कनाविपत्ति के समय और दुःख देना
127कन्नी काटना आँख बचाकर भाग जाना
128कोहराम मचाना दुःखपूर्ण चीख -पुकार
129किस खेत की मूलीअधिकारहीन, शक्तिहीन
130 ख़ाक छानना भटकना
131 खूनपसीना एक करना अधिक परिश्रम करना
132 खरीखोटी सुनाना भला-बुरा कहना
133खून खौलना क्रोधित होना
134 खून का प्यासा जानी दुश्मन होना
135खेत रहना या आना वीरगति पाना
136खटाई में पड़ना झमेले में पड़ना, रुक जाना
137खेल खेलाना परेशान करना
138खून सूखनाअधिक डर जाना
139खूँटे के बल कूदनाकिसी के भरोसे पर जोर या जोश दिखाना
140ख्याली पुलावसिर्फ कल्पना करना
141गले का हार होनाबहुत प्यारा
142 गर्दन पर सवार होना पीछा ना छोड़ना
143 गला छूटना पिंड छोड़ना
144गर्दन पर छुरी चलाना नुकसान पहुचाना
145गड़े मुर्दे उखाड़ना दबी हुई बात फिर से उभारना
146गागर में सागर भरना एक रंग -ढंग पर न रहना
147गुल खिलना नयी बात का भेद खुलना, विचित्र बातें होना
148गिरगिट की तरह रंग बदलना बातें बदलना
149गाल बजाना डींग हाँकना
150गिनगिनकर पैर रखना सुस्त चलना, हद से ज्यादा सावधानी बरतना
151गुस्सा पीना क्रोध दबाना
152गूलर का फूल होना लापता होना
153गुदड़ी का लाल गरीब के घर में गुणवान का उत्पत्र होना
154 गाँठ में बाँधना खूब याद रखना
155 गाल बजानाडींग मारना
156काल के गाल में जानामृत्यु के मुख में पड़ना
157गंगा लाभ होना मर जाना
158गीदड़भभकीमन में डरते हुए भी ऊपर से दिखावटी क्रोध करना
159गुड़ गोबर करनाबनाया काम बिगाड़ना
160गुड़ियों का खेल सहज काम
161गुरुघंटाल बहुत चालाक
162गज भर की छाती होनाउत्साहित होना
163गूलर का कीड़ासीमित दायरे में भटकना
164घर का न घाट का कहीं का नहीं
165घाव पर नमक छिड़कना दुःख में दुःख देना
166 घोड़े बेचकर सोना बेफिक्र होना
167 घड़ो पानी पड़ जाना अत्यन्त लज्जित होना
168घी के दीए जलाना अप्रत्याशित लाभ पर प्रसत्रता
169घर बसानाविवाह करना
170घात लगानामौका ताकना
171घाव हरा होनाभूले हुए दुःख को याद करना
172घाटघाट का पानी पीनाअच्छे-बुरे अनुभव रखना
173 चल बसना मर जाना
174चार चाँद लगाना चौगुनी शोभा देना
175चिकना घड़ा होना बेशर्म होना
176चिराग तले अँधेरा पण्डित के घर में घोर मूर्खता आचरण
177 चैन की बंशी बजाना मौज करना
178चार दिन की चाँदनी थोड़े दिन का सुख
179चींटी के पर लगना या जमना विनाश के लक्षण प्रकट होना
180चूँ न करना सह जाना, जवाब न देना
181चादर से बाहर पैर पसारना आय से अधिक व्यय करना
182चाँद पर थूकना व्यर्थ निन्दा या सम्माननीय का अनादर करना
183चूड़ियाँ पहनना स्त्री की-सी असमर्थता प्रकट करना
184चहरे पर हवाइयाँ उड़ना डरना, घबराना
185चाँदी काटनाखूब आमदनी करना
186चलतापुर्जाकाफी चालाक
187चाँद का टुकड़ाबहुत सुन्दर
188चल निकलनाप्रगति करना, बढ़ना
189चिकने घड़े पर पानी पड़नाउपदेश का कोई प्रभाव न पड़ना
190चोलीदामन का साथकाफी घनिष्ठता
191चुनौती देनाललकारना
192चुल्लू भर पानी में डूब मरनाअत्यन्त लज्जित होना
193चैन की वंशी बजानासुख से समय बिताना
194चोटी का पसीना एँड़ी तक बहना खूब परिश्रम करना
195चण्डूखाने की गपझूठी गप
196चम्पत हो जानाभाग जाना
197चींटी के पर जमनाऐसा काम करना जिससे हानि या मृत्यु हो
198छक्के छूटना बुरी तरह पराजित होना
199 छप्पर फाडकर देना बिना मेहनत का अधिक धन पाना
200छाती पर पत्थर रखना कठोर ह्रदय
201छाती पर सवार होना आ जाना
202 छक्के छुड़ानाखूब परेशान करना
203छठी का दूध याद करनासुख भूल जाना
204छाती पर मूँग या कोदो दलनाकष्ट देना
205छः पाँच करनाआनाकानी करना
206छाती पर साँप लोटनाकिसी के प्रति डाह
207छोटी मुँह बड़ी बातयोग्यता से बढ़कर बोलना
208जहर उगलना द्वेषपूर्ण बात करना
209जलती आग में घी डालना क्रोध बढ़ाना
210जमीन आसमान एक करना बहुत प्रयन्त करना
211जान पर खेलना साहसिक कार्य
212जूते चाटना चापलूसी करना
213 जड़ उखाड़नापूर्ण नाश करना
214 जंगल में मंगल करनाशून्य स्थान को भी आनन्दमय कर देना
215 जबान में लगाम न होनाबिना सोचे-समझे बोलना
216 जी का जंजाल होना अच्छा न लगना
217 जमीन का पैरों तले से निकल जानासन्नाटे में आना
218 जमीन चूमने लगाधराशायी होना
219 जान खानातंग करना
220 जी टूटनादिल टूटना
221 जी लगनामन लगना
222 जी खट्टा होना खराब अनुभव होना
223 जीती मक्खी निगलनाजान-बूझकर बेईमानी या कोई अशोभनीय कार्य करना
224 जी चुरानाकोशिश न करना
225 झाड़ मारनाघृणा करना
226झक मारना विवश होना
227 टाँग अड़ाना अड़चन डालना
228टका सा जबाब देना साफ़ इनकार करना
229टस से मस न होना कुछ भी प्रभाव न पड़ना
230 टोपी उछालना अपमान करना
231 टकासा मुँह लेकर रह जानालज्जित हो जाना
232 टट्टी की आड़ में शिकार खेलनाछिपकर बुरा काम करना
233 टाट उलटनाव्यापारी का अपने को दिवालिया घोषित कर देना
234 टेढ़ी खीरकठिन काम
235 टुकड़ों पर पलनादूसरों की कमाई पर गुजारा करना
236 ठनठन गोपालमूर्ख, गरीब, कुछ नहीं
237 ठगासाभौंचक्का-सा
238 ठठेरेठठेरे बदलासमान बुद्धिवाले से काम पड़ना
239 डकार जाना हड़प जाना
240 डूबते को तिनके का सहारासंकट में पड़े को थोड़ी मदद
241 डींग हाँकना शेखी बघारना
242 डेढ़ चावल की खिचड़ी पकानाअलग-अलग होकर काम करना
243 डोरी ढीली करनासँभालकर काम न करना
244 ढील देनाअधीनता में न रखना
245ढेर करना मारकर गिरा देना
246 ढेर होना मर जाना
247 ढोल पीटनाजाहिर करना
248तिल का ताड़ बनाना बात को तूल देना
249तूती बोलनाप्रभाव जमाना
250 तलवे चाटना या सहलानाखुशामद करना
251 तिनके को पहाड़ करनाछोटी बात को बड़ी बनाना
252 तीन तरह करना या होना नष्ट करना, तितर बितर करना
253 ताड़ जानासमझ जाना
254 तुक में तुक मिलानाखुशामद करना
255 तेवर बदलनाक्रोध करना
256 ताना मारनाव्यंग्य वचन बोलना
257 ताक में रहनाखोज में रहना
258 तारे गिननादुर्दशाग्रस्त होना, काफी चोट पहुँचना
259तोते की तरह आँखें फेरनाबेमुरौवत होना
260थूक कर चाटना बात देकर फिरना
261 थाली का बैंगन होनाजिसका विचार स्थिर न रहे
262 थूथू करनाघृणा प्रकट करना
263दम टूटना मर जाना
264 दिन दूना रात चौगुना खूब उनती
265 दाल में काला होना संदेह होना
266दौड़धूप करना बड़ी कोशिश करना
267दो कौड़ी का आदमी तुच्छ या अविश्र्वसनीय व्यक्ति
268दो टूक बात कहनास्पष्ट कह देना
269दो दिन का मेहमान जल्द मरनेवाला
270दूध के दाँत न टूटना ज्ञानहीन या अनुभवहीन
271दम मारनाविश्राम करना
272 दम में दम आनाराहत होना
273 दाल गलनाकामयाब होना, प्रयोजन सिद्ध होना
274दूज का चाँद होनाकम दर्शन होना
275 दिनों का फेर होना बुरे दिन आना
276दिल टूटनासाहस टूटना
277 दुकान बढ़ाना दूकान बंद करना
278दूध के दाँत न टूटनाज्ञान और अनुभव का न होना
279 दूध का दूध पानी का पानीनिष्पक्ष न्याय
280 दायेंबायें देखनासावधान होना
281दिल दरिया होनाउदार होना
282 दो नाव पर पैर रखनाइधर भी, उधर भी, दो पक्षों से मेल रखना
283धज्जियाँ उड़ाना किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना
284 धरती पर पाँव न रखनाघमंडी होना
285 धूप में बाल सफेद करनाबिना अनुभव प्राप्त किये बूढा होना
286 धूल छाननामारे-मारे फिरना
287 धोबी का कुत्तानिकम्मा
288 नौदो ग्यारह होनाचम्पत होना
289 न इधर का, न उधर का कही का नही
290 नाक का बल होना बहुत प्यारा होना
291 नाकों दम करना परेशान करना
292नाक काटना इज्जत जाना
293 नाच नचानातंग करना
294 नुक़्ताचीनी करनादोष दिखाना, आलोचना करना
295 निन्यानबे के फेर में पड़नाधन जमा करने के चक्कर में पड़ना
296 नजर चुरानाआँख चुराना
297 नमक अदा करनाफर्ज पूरा करना, प्रत्युपकार करना
298 नमकमिर्चा लगानाबढ़ा-चढ़ाकर कहना
299 नशा उतरनाघमण्ड उतरना
300 नदीनाव संयोगऐसी भेंट
301 नसीब चमकना भाग्य चमकना
302 नींद हराम होनातंग आना, सो न सकना
303 नेकी और पूछपूछबिना कहे ही भलाई करना
304 पेट काटना अपने भोजन तक में बचत
305पानी उतरना इज्जत लेना
306पेट में चूहे कूदना जोर की भूख
307पहाड़ टूट पड़ना भारी विपत्ति आना
308 पट्टी पढ़ाना बुरी राय देना
309पौ बारह होना खूब लाभ होना
310पाँचों उँगलियाँ घी में पूरे लाभ में
311पगड़ी रखना इज्जत बचाना
312पगड़ी उतारनाइज्जत उतारना
313 पते की कहना रहस्य या चुभती हुई काम की बात कहना
314पानी का बुलबुलाक्षणभंगुर वस्तु
315 पानी देनातर्पण करना, सींचना
316 पानी न माँगनातत्काल मर जाना
317पानीपानी होनाअधिक लज्जित होना
318 पानीपानी करनालज्जित करना
319 पानी पीकर जाति पूछनाकोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य का निर्णय करना
320 पानी रखनामर्यादा की रक्षा करना
321पानी में आग लगानाअसंभव कार्य करना
322 पानी की तरह बहनाअन्धाधुन्ध करना
323 पानी फिर जानाबर्बाद होना
324 पोल खुलनारहस्य प्रकट करना
325 पीठ ठोंकनासाहस बँधाना
326 पैर पकड़नाक्षमा चाहना
327 पीठ दिखलानापलायन
328फूलनाफलना धनवान या कुलवान होना
329फूला न समाना काफी खुश होना
330फूटी आँखों न भानातनिक भी न सुहाना
331फफोले फोड़नावैर साधना
332फबतियाँ कसनाताना मारना
333फूंकफूंक कर कदम रखनासावधान होकर काम करना
334फूल झड़नामधुर बोलना
335बीड़ा उठना दायित्व लेना
336बाजी ले जाना या मारना जीतना
337बात बनाना बहाना बनाना
338 बगुला भगतकपटी
339 बगलें झाँकनाबचाव का रास्ता ढूँढना
340 बन्दरघुड़की देनाधमकाना
341 बहती गंगा में हाथ धोनावह मौका हाथ से न जाने देना जिससे सभी लाभ उठाते हों
342 बागबाग होना खुश होना
343बाँसो उछलना काफी खुश होना
344 बाजार गर्म होनासरगर्मी होना, तेजी होना
345 बात का धनी वादे का पक्का, दृढप्रतिज्ञ
346 बात की बात मेंअतिशीघ्र
347 बात चलाना चर्चा करना
348 बात न पूछनानिरादार करना
349 बात पर न जानाविश्वास न करना
350 बात बनाना बहाना करना
351 बात रहनावचन पूरा करना
352 बातों में उड़ानाहँसी-मजाक में उड़ा देना
353 बात पी जानाबर्दाश्त करना, सुनकर भी ध्यान न देना
354 बायें हाथ का खेलसरल होना
355 बाल की खाल निकालनाछिद्रान्वेषण करना
356 बालू की भीतशीघ्र नष्ट होनेवाली चीज
357 बेसिरपैर की बातनिराधार बात
358भीगी बिल्ली होना डर से दबना
359 भूत चढ़ना या सवार होनाकिसी बात की जिद पकड़ना, रंज के मारे आगा-पीछा भूल जाना
360 भारी लगना असहय होना
361भनक पड़नाउड़ती हुई खबर सुनना
362 मुँह धो रखना आशा न रखना
363 मुँह में पानी आना लालच होना
364 मैदान मारना बाजी जीतना
365 मिट्टी के मोल बिकनाबहुत सस्ता
366 मुट्ठी गरम करना घूस देना
367मुँह बंद कर देना शांत कराना
368 मर मिटना बर्बाद होना
369 मांस नोचनातंग करना
370मोम हो जाना खूब नरम बन जाना
371मन फट जाना विराग होना, फीका पड़ना
372मिट्टी में मिलनानष्ट होना
373 मन चलना इच्छा होना
374 मन के लड्डू खानाव्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना
375 मैदान साफ होनामार्ग में बाधा न होना
376मीनमेख करनाव्यर्थ तर्क
377 मन खट्टा होना मन फिर जाना
378 मिट्टी पलीद करनाजलील करना
379मोटा आसामीमालदार आदमी
380 मुठभेड़ होनामुकाबला होना
381 यश गानाप्रशंसा करना, एहसान मानना
382 यश माननाकृतज्ञ होना
383 युगयुगबहुत दिनों तक
384 युगधर्मसमय के अनुसार चाल या व्यवहार
385 युगांतर उपस्थित करनाकिसी पुरानी प्रथा को हटाकर उसके स्थान पर नई प्रथा चलाना
386रंग जमना धाक जमना
387 रंग बदलना परिवर्तन होना
388 रंग उतरना फीका होना
389 रंग में भंग होनाआनन्द में बिघ्न पड़ना
390 रंग लानाप्रभाव दिखाना
391 रंगा सियारढोंगी
392 रफूचक्कर होनाभाग जाना
393 रसातल चला जाना एकदम नष्ट हो जाना
394 राई से पर्वत होनाछोटे से बड़ा होना
395 रीढ़ टूटनाआधार समाप्त होना
396 रोटियाँ तोड़नाबैठे-बैठे खाना
397 रोना रोनादुखड़ा सुनाना
398लोहे के चने चबाना कठिनाई झेलना
399लकीर का फकीर होना पुरानी प्रथा पर ही चलना
400लोहा मानना श्रेष्ठ समझना
401लेने के देने पड़ना लाभ के बदले हानि
402 लँगोटी पर में) फाग खेलनाअल्पसाधन होते हुए भी विलासी होना
403लाख से लाख होनाकुछ न रह जाना
404लाले पड़नामुँहताज होना
405लुटिया डुबोनाकाम बिगाड़ना
406लोहा बजनायुद्ध होना
407लँगोटिया यार बचपन का दोस्त
408लहू होनामुग्ध होना
409लग्गी से घास डालनादूसरों पर टालना
410लल्लोचप्पो करनाखुशामद करना, चिरौरी करना
411लहू का घूंट पीना बर्दाश्त करना
412लालपीला होनारंज होना
413वचन हारनाजबान हारना
414वचन देनाजबान देना
415वक़्त पर काम आनाविपत्ति में मदद करना
416शर्म से गड़ जानाअधिक लज्जित होना
417शर्म से पानीपानी होनाबहुत लजाना
418शान में बट्टा लगनाइज्जत में धब्बा लगना
419शेखी बघारना डींग हाँकना
420शौतान की आँत बहुत बड़ा
421शौतान की खालाझगड़ालू स्त्री
422शिकार हाथ लगनाअसामी मिलना
423षटराग खटराग) अलापनारोना-गाना, बखेड़ा शुरू करना, झंझट करना
424श्रीगणेश करना शुभारम्भ करना
425सर्द हो जाना डरना, मरना
426साँपछछूंदर की हालत दुविधा
427समझ अक्ल) पर पत्थर पड़ना बुद्धि भ्रष्ट होना
428सिक्का जमना प्रभाव जमना
429सवा सोलह आने सही पूरे तौर पर ठीक
430सिर पर आ जाना बहुत नजदीक होना
431सिर खुजलाना बहलाना करना
432सर धुनना शोक करना
433सर गंजा कर देना खूब पीटना
434सफेद झूठ सरासर झुठ
435सब्ज बाग दिखानाबड़ी-बड़ी आशाएँ दिलाना
436सितारा चमकना या बुलंद होनाभाग्योदय होना
437सिप्पा भिड़ानाउपाय करना
438सातपाँच करनाआगे पीछे करना
439सुबह का चिराग होना समाप्ति पर आना
440सैकड़ों घड़े पानी पड़नालज्जित होना
441सन्नाटे में आना स्तब्ध हो जाना
442सब धान बाईस पसेरीसबके साथ एक-सा व्यवहार, सब कुछ बराबर समझना
443हाथ पैर मारना काफी प्रयास
444हाथ मलना पछताना
445 हाथ देना सहायता करना
446हाथोहाथ जल्दी
447हथियार डाल देनाहार मान लेना
448 हाथ के तोते उड़नाअचानक शोक-समाचार सुनकर स्तब्ध हो जाना
449 होश उड़ जानाघबड़ा जाना
450 हक्कबक्का रह जानाभौंचक रह जाना
451 हजामत बनानाठगना
452 हवा लगनासंगति का प्रभाव बुरे अर्थ में
453 हवा खिलानाकहीं भेजना
454 हड्डीपसली दुरुस्त करनाखूब मारना
455 हड़प जानाहजम कर जाना
456 हल्का होनातुच्छ होना, कम होना
457 हल्दीगुड़ पिलाना खूब मारना
458 हवा पर उड़नाइतराना
459 हृदय पसीजनादयार्द्र होना, द्रवित होना


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