Clouse | उपवाक्य

हिन्दी व्याकरण : उपवाक्य | Clouse



उपवाक्य | Clouse

प्रधान वाक्य एवं उसपर आश्रित उपवाक्य की पहचान।
(क) जिसकी वाक्य की क्रिया मुख्य होती है उसे प्रधान वाक्य कहते है।
(ख) आश्रय उपवाक्यों का प्रारंभ प्रायः यदि , जिसे , क्योंकि , जो , कि आदि से होता है।
(ग) मिस्र वाक्य में जो क्रिया वाक्य के अंत में बनी रहती है उसे उसे आश्रित उपवाक्य कहते है। जैसे -: लता जल्दी चलती तो अवश्य समय पर पहुंच जाती।
इसे सरल वाक्य में इस प्रकार बदलेंगे -:
लता जल्दी चलने पर अवश्य समय पर पहुंच जाती।
यहाँ "जल्दी चलती" क्रिया रूपांतरित हो गई है अतः इसे आश्रित उपवाक्य कहेंगे।
दूसरी तरफ "पहुंच जाती" क्रिया कोई बदलाब नहीं हुआ है अतः इसे प्रधान उपवाक्य कहते है।

उपवाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते है।

(1). संज्ञा उपवाक्य | Noune clause
(2). विशेषण उपवाक्य | Adjective clause
(3). क्रियाविशेषण उपवाक्य | Adverbial clause

(1). संज्ञा उपवाक्य | Noune clause

जो प्रधान उपवाक्य वाक्य के संज्ञा या संज्ञा पदबंध के स्थान पर आता हो उसे संज्ञा पदबंध कहते है।
उदाहरण जैसे :-
भारत ने कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते।
भारत ने कहा ( उपवाक्य का कर्म ) हम लड़ाई नहीं चाहते ( उपवाक्य )

(2). विशेषण उपवाक्य | Adjective clause

यदि कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य के संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता हो जैसे -: यह सफ़ेद गाय है जो बहुत सुन्दर है। यह वही है जो , कक्षा में प्रथम आई थी।
" जो बहुत सुन्दर है " एक ऐसा आश्रित वाक्य है जो की सफ़ेद गाय (संज्ञा ) की विशेषता बतलाता है। दूसरे वाक्य में "कक्षा में प्रथम आई थी ऐसा आश्रित उपवाक्य है जो वही (सर्वनाम ) की वियशेषता विशेषता बताता है।

(3). क्रियाविशेषण उपवाक्य | Adverbial clause

यदि किसी वाक्य में आश्रित उपवाक्य प्रमुख उपवाक्य के क्रिया का विशेषता बतलाता हो उसे क्रिया विशेषण उपवाक्य कहते है।
जैसे -:
यदि बोलना नहीं आता , तो चुप रहना चाहिए। जब में स्टेशन पहुंचा तो ट्रैन जा चुकी थी।

क्रिया विशेषण उपवाक्य के भेद

क्रिया विशेषण उपवाक्य के पांच भेद है।
(1).काल वाचक
(2). स्थानवाचक
(3). रीतिवाचक
(4). परिमाणवाचक
(5). हेतुसूचक वाक्य (परिणाम वाचक वाक्य)

(1).काल वाचक

तुम्हारे आने के पहले वो जा चुका था।
जैसे ही मैं घर पहुंचा बारिश छूट चुकी थी।

(2). स्थानवाचक

तुम जहाँ पढ़ते हो मेरा बेटा भी वहीं पढ़ता है।
तुम जिधर जा रहे हो , मैं पहले उधर चुका हूँ।

(3). रीतिवाचक

तुम वैसा ही करते जाओ , जैसा मैं करता जाता हूँ।
बच्चे वही सीखते है , जो वे बड़ों को करते देखते है।

(4). परिमाणवाचक

जितना चीनी डालोगे चाय उतनी मीठी होगी।
तुम जितना पढ़ाई करोगे , उतना ही अच्छा नंबर आएगा।

(5). हेतुसूचक वाक्य (परिणाम वाचक वाक्य)

यदि पढ़ते तो पास अवश्य होते।
मेहनत करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।

इसके अलावे क्रिया विशेषण वाक्य के दो और भेद बताएं गए है।

कारणसूचक

ऐसा उपवाक्य जिसमे क्रिया के होने या ना होने का बोध कराता हो ,
कारण सूचक क्रिया विशेषण उपवाक्य कहते है।
जैसे -
वो प्रथम आई है क्योंकि उसने बहुत मेहनत की थी।

प्रयोजन सूचक

जिस उपवाक्य से क्रिया के उद्देश्य अथवा प्रयोजन का पता चलता हो उसे प्रयोजन सूचक क्रिया विशेषण उपवाक्य कहते है।
जैसे -
तुम अच्छे से पढ़ाई करो ताकि अच्छे नंबरों से उत्तरीन हो सको।
जल्दी चलो ताकि ट्रैन पकड़ सको।





Practice Following for Sure Success in all competitive Exams



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें