Kriya ke aadhar par vakya ka bhed | क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद

हिन्दी व्याकरण : क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद | Kriya ke aadhar par vakya ka bhed



3. क्रिया के आधार पर वाक्य के प्रकार

क्रिया के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं।

  • (i). कर्तृ वाच्य
  • (ii). कर्मवाच्य
  • (iii). भाव वाच्य

(i). कर्तृ वाच्य

जब वाक्य में क्रिया का संबंध सीधा कर्ता से होता है व क्रिया के लिंग, वचन ,कर्ता कारक के अनुसार प्रयोग होते हैं उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं। उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. राम गाना गा रहा है।
उदाहरण : 2. सीता गाना गा रही है।

(ii). कर्मवाच्य

जब वाक्य में क्रिया का संबंध कर्म से होता है अर्थात क्रिया के लिंग वचन कर्ता के अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार होते हैं , उसे कर्मवाच्य या कर्म वाक्य कहा जाता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. अयन के द्वारा दूध पिया गया।
उदाहरण : 2. या द्वारा खेल खेला गया।

(iii). भाव वाच्य

जब वाक्य में क्रिया कर्ता और कर्म के अनुसार ना होकर भाव के अनुसार होती है तो उसे भाव वाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. अक्षिता से पढ़ा नहीं जाता।
उदाहरण : 2. शगुन से पढ़ा नहीं जाता।





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