Resting Point | Viram Chinh

हिन्दी व्याकरण : विराम चिन्ह | Resting Point

विराम चिन्ह
Resting Point

लेखन को प्रभावी रूप देने के लिए लेखक द्वारा कई प्रकार के विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है जोकि लेखन में भावों की अभिव्यक्ति, वाक्य का अर्थ स्पष्ट करने, उतार-चढाव और ठहराव को दर्शाने के लिए आवश्यक होते हैं। ऐसे ही विशेष चिन्हों को विराम चिन्ह कहा जाता है।
विराम शब्द वि + रम् + घं से बना है और इसका मूल अर्थ है "ठहराव", "आराम" आदि के लिए। जिन सर्वसंमत चिन्हों द्वारा, अर्थ की स्पष्टता के लिए वाक्य को भिन्न भिन्न भागों में बाँटते हैं, व्याकरण या रचनाशास्त्र में उन्हें "विराम" कहते हैं।
हिंदी व्याकरण विराम चिन्हों की संख्या 20 मानी है
इन विराम चिन्हों का प्रयोग वाक्यों के मध्य या अंत में किया जाता है।
पूर्ण विराम (।) को छोड़ कर बाकि सभी विराम चिन्हों को अंग्रेजी से लिया हुआ माना है।

विराम का अर्थ

विराम का अर्थ होता है, ठहराव लेना, विश्राम, या रुकना।
लिखते समय विराम को प्रकट करने के लिए लगाये जाने वाले चिन्ह को ही विराम चिन्ह कहते हैं।
उदाहरण : ताजमहल किसने बनवाया ? (प्रश्नवाचक)
उदाहरण : मोहन पढ़ रहा है । (सामान्य सूचना)
उदाहरण : श्याम आया है ! (आश्चर्य का भाव)

विराम चिन्हों के प्रकार या भेद

विराम चिन्ह के मुख्य रूप निम्न प्रकार से हैं :
1. पूर्ण विराम Full Stop (।)
2. अर्द्ध विराम-Semicolon (;)
3. अल्प विराम Comma (,)
4. प्रश्न चिन्ह (Question Mark) [ ? ]
5. आश्चर्य चिन्ह या विस्मयादि चिन्ह Exclamation Mark (!)
6. निर्देशक चिन्ह या संयोजक चिन्ह या सामासिक चिन्ह Dash (―)
7. कोष्ठक Bracket ( ) [ ] { }
8. अवतरण चिन्ह या उध्दरण चिन्ह Inverted Commas (‘ ’)(“ ”)
9. उप विराम (अपूर्ण विराम) Colon (:)
10. विवरण चिन्ह Sign of Following (:-)
11. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह („ „)
12. लाघव चिन्ह Sign of Abbreviation (०)
13. लोप चिन्ह या पद्लोप चिन्ह Mark of Ellipsis (… , ++++)
14. दीर्घ उच्चारण चिन्ह (ડ)
15. हंसपद या विस्मरण चिन्ह या त्रुटिबोधक चिन्ह (^)
16. तुल्यता सूचक (=)
17. समाप्ति सूचक (-0-, —)
18. टीका सूचक (*, +, +, 2)
19. पाद बिन्दु (÷)
20. योजक चिन्ह (Hyphen) [ - ]
21. रेखांकन चिन्ह-Underline ( _ )
22. तीर्थक चिन्ह ( /)
23. व्युत्पादक ( > )

1. पूर्ण विराम (।)
Full Stop

वाक्य के समाप्त होने पर पूर्ण विराम चिन्ह (Purn Viram) का प्रयोग करते हैं ।
किसी वाक्य के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह लगाने का अर्थ होता है कि वह वाक्य खत्म हो गया है।
पूर्ण विराम (।) का प्रयोग प्रश्नसूचक और विस्मयादि सूचक वाक्यों को छोड़कर बाकि सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता है।
उदाहरण : वह कल आएगा।
उदाहरण : राम घर जाता है ।
उदाहरण : तुम घर चले जाओ।
उदाहरण : पेड़ से हमें फल प्राप्त होते हैं ।

3. अल्प विराम (,)
Comma

जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह (Alp Viram) का प्रयोग करते हैं ।
जब किसी वाक्य को प्रभावी रूप से कहने के लिए वाक्य में अर्द्ध विराम (;) से ज्यादा परन्तु पूर्ण विराम (।) से कम विराम (काम देर रुकना हो) लेना हो तो वहां अल्प विराम (,) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण : 1. नदी, पहाड़, खेत, हवा
उदाहरण : 2. श्याम, जरा इधर आना। उदाहरण : 3. राम, सीता और लक्ष्मण जंगल गए । उदाहरण : 4. हाँ, मैं कल दिल्ली जाऊंगा।

  • अल्प विराम का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है-
  • अंकों को लिखते समय — 1, 2, 3, 4, 5, 6 आदि।
  • ‘हाँ’ और ‘नहीं’ के बाद — नहीं, यह काम नहीं हो पाएगा।
  • एक ही प्रकार के शब्द के प्रयोग या एक ही प्रकार के वाक्यांश की पुनरावृत्ति होने पर — भाग, भाग शेर आया।
  • तारीख और महीने का नाम लिखने के बाद — 23 जनवरी, 1897 को सुभाष चन्द्र बोस का जन्म हुआ था।

3. अर्द्ध विराम (;)
Semicolon

जहाँ अल्प विराम (Alp Viram) की अपेक्षा कुछ अधिक देर तक रुकना पड़े, वहाँ अर्द्ध विराम (Ardh Viram) का प्रयोग करते है ।
जब किसी वाक्य को कहते हुए बीच में हल्का सा विराम लेना हो पर वाक्य को खत्म न किया जाये तो वहाँ पर अर्द्ध विराम (;) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
या कहा जाये कि जहाँ पूर्ण विराम की अपेक्षा कम विराम लेना हो और अल्प विराम (,) की अपेक्षा ज्यादा विराम (रुकना) हो वहां अर्द्ध विराम (;) का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण : 1. सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया ।
उदाहरण : 2. राम तो अच्छा लड़का है; किन्तु उसकी संगत कुछ ठीक नहीं है।
उदाहरण : 3. सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए ।
उदाहरण : 4. जिसे मैंने अपना दोस्त समझा; वही आस्तीन का सांप निकला।

4. प्रश्न चिन्ह [ ? ]
(Sign of Interrogation)

प्रश्न चिन्ह (Question Mark) का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है । प्रश्न चिन्ह (?) का प्रयोग प्रश्नसूचक वाक्यों के अंत में किया जाता है।
अर्थात जिस वाक्य में किसी प्रश्न (सवाल) के पूछे जाने के भाव की अनुभूति हो वहां वाकया के अंत में प्रश्न चिन्ह (?) का प्रयोग होता है।
उदाहरण : 1. तुम तो आज यहाँ नहीं आने वाले थे ?
उदाहरण : 2. वह क्या लिख रहा है ?
उदाहरण : 3. तुम तो यहाँ के नहीं लगते ?
उदाहरण : 4. ताजमहल किसने बनवाया ? उदाहरण : 5. यह तो तुम्हारा घर नहीं है ?

प्रायः प्रश्न सूचक शब्द जैसे – क्या, कहाँ, क्यों, कब, कैसे, किसलिए आदि का प्रयोग जिन वाक्यों में होता है, वहां वाक्य के अंत में प्रश्न चिन्ह (?) का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण जैसे —
उदाहरण : 1. तुम दिल्ली से कब आये ?
उदाहरण : 2. तुम्हारा नाम क्या है ?
उदाहरण : 3. तुम यहाँ क्यों आये हो ?
उदाहरण : 4. तुम कहाँ जा रहे हो ?
उदाहरण : 5. तुम्हारा यहाँ कैसे आना हुआ ?

5. आश्चर्य चिन्ह या विस्मयबोधक चिन्ह या विस्मयादि चिन्ह (! )
(Sign of Exclamation)

विस्मयआदि सूचक चिन्ह का प्रयोग किसी वाक्य में आश्चर्य, घृणा, शोक, हर्ष आदि भावों का बोध कराने के लिए किया जाता है।
विस्मियादि बोधक शब्दों जैसे –
ओह!, छिः!, अरे यार!, अरे!, शाबाश!, अच्छा!, हे भगवान!, हाय!, काश! के अन्त में आश्चर्य चिन्ह (!) या विस्मयादि चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
यह विस्मयादिबोधक चिन्ह (Vismahadibodhak Chinh) अव्यय शब्द के आगे लगाया जाता है ।
उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : 1. आह ! कितना सुहावना मौसम है ।
उदाहरण : 2. वाह! क्या आलिशान घर है।
उदाहरण : 3. शाबाश! मुझे तुमसे यही उम्मीद थी।
उदाहरण : 4. ओह! यह तो उसके साथ बुरा हुआ।
उदाहरण : 5. हे भगवान! ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने?
उदाहरण : 6. अच्छा! ऐसा कहा उस पाखण्डी व्यक्ति ने तुमसे।
उदाहरण : 7. छी! कितनी गंदगी है यहाँ।
उदाहरण : 8. वाह! क्या सुहावना मौसम है।
उदाहरण : 9. हाय !, आह !, छि !, अरे !, शाबाश !
उदाहरण : 10. हाय ! वह मारा गया ।
उदाहरण : 11. अरे! तुम यहां।

6. निर्देशक चिन्ह या संयोजक चिन्ह या सामासिक चिन्ह (―)
(Dash)

निर्देशक चिन्ह (Dash) का प्रयोग विषय, सम्बन्धी, विवाद, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है ।
इसको रेखा चिन्ह (Rekha Chinh) के नाम से भी जाना जाता है ।
उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : अध्यापक ― तुम जा सकते हो ।
उदाहरण : जैसे ― अनार, आम, संतरा ।

7. कोष्ठक ( ) [ ] { }
(Bracket)

कोष्ठक का प्रयोग किसी शब्द को स्पष्ट करने, कुछ अधिक जानकारी बताने आदि के लिए कोष्ठक ( ) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। कोष्ठक का उपयोग मुख्यतः वाक्यों में शब्दों के मध्य किया जाता है।
( ) को लघु कोष्ठक, { } मझला कोष्ठक तथा [ ] को दीर्घ कोष्ठक कहते हैं। हिंदी साहित्य लेखन में लघु कोष्ठक ( ) का ही प्रयोग किया जाता है। इनका उपयोग हमेशा जोड़ी में ही होता है।
कोष्ठक चिन्ह (Koshthak Chinh) का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है
उदाहरण जैसे :-

उदाहरण :1. धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे ।
उदाहरण : 2. राजेंद्र प्रसाद (भारत के प्रथम राष्ट्रपति) का जन्म 03 दिसंबर, 1884 को हुआ था।
उदाहरण : 3. विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा ।
उदाहरण : 4. दशहरे के अवसर पर दशानन (रावण) के पुतले का दहन किया जाता है।

8. अवतरण चिन्ह या उध्दरण चिन्ह (‘ ’)(“ ”)
Inverted Commas

किसी वाक्य में किसी खास शब्द पर जोर देने के लिए अवतरण या उद्धरण चिन्ह (‘ ’) का प्रयोग किया जाता है।
किसी कथन को ज्यों का त्यों उद्धृत करने के लिए उद्धरण या अवतरण चिन्ह (Uddharan or Avtaran Chinh) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण जैसे :-

उदाहरण : 1. हरिवंशराय बच्चन ने कहा है, "हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान" ।
उदाहरण : 2. हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ ‘महाभारत’ है।
उदाहरण : 3. महा कवि तुलसीदास ने सत्य कहा है ― "पराधीन सपनेहु सुख नाहीं" ।
उदाहरण : 4. ‘गोदान’ को मुंशी प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है।

किसी और के द्वारा लिखे या कहे गए वाक्य या शब्दों को ज्यों-का-त्यों लिखने के लिए अवतरण चिह्न या उद्धरण चिन्ह (“ ”) का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. महा कवि तुलसीदास ने सत्य कहा है ― "पराधीन सपनेहु सुख नाहीं" ।
उदाहरण : 2. भारतेंदु जी ने कहा –“मन का हो तो अच्छा, मन का न हो तो और भी अच्छा”

9. उप विराम (अपूर्ण विराम) (:)
Colon

जब किसी शब्द को अलग दर्शना हो तो वहां उप विराम (अपूर्ण विराम) (:) का प्रयोग किया जाता है।
जब किसी कथन को अलग दिखाना हो तो वहाँ पर उप विराम (Up Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण जैसे —
उदाहरण : 1. प्रदूषण : एक अभिशाप ।
उदाहरण : 2. उदाहरण : राम घर जाता है।
उदाहरण : 3. विज्ञान : वरदान या अभिशाप ।

10. विवरण चिन्ह (:-)
Sign of Following

विवरण चिन्ह (:-) का प्रयोग वाक्यांश में जानकारी, सूचना या निर्देश आदि को दर्शाने या विवरण देने के लिए किया जाता है।
विवरण चिन्ह (Sign of Following) का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है ।
उदाहरण जैसे —
उदाहरण : 1. इस देश में बड़ी - बड़ी नदियाँ हैं :--
उदाहरण : 2. वनों से निम्न लाभ हैं :-
उदाहरण : 3. भारत में आम की कई किस्में पायी जाती हैं जिनमें से कुछ निम्न हैं :-
उदाहरण : 4. कृप्या निम्नलिखित नियमों का पालन करें :

11. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह („ „)
Repeat Sign

पुनरुक्ति सूचक चिन्ह („ „) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य या वाक्य के अंश को दोबारा लिखने का श्रम बचाने के लिए करते हैं।
उदाहरण जैसे :

क्रम सं.दानकर्ता का नामदान राशि
1. आकाश100 रुपये
2. प्रकाश"
3. राम10 रुपये
4. श्याम"

12. लाघव चिन्ह या संक्षेप सूचक चिह्न (०)
Sign of Abbreviation/Transgression

किसी शब्द का संक्षिप्त रूप लिखने के लिए लाघव चिन्ह (०) का प्रयोग किया जाता है।
किसी बड़े शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए कुछ अंश लिखकर लाघव चिन्ह (Laghav Chinh) लगा दिया जाता है ।
इसको संक्षेपण चिन्ह (Sankshepan Chinh) भी कहते हैं ।
उदाहरण जैसे :
उदाहरण: 1. उत्तर प्रदेश को – उ० प्र०
उदाहरण: 2. प्रोफेसर को – प्रो०
उदाहरण: 3. डॉक्टर को – डॉ०
उदाहरण : 4. इंजिनियर के लिए ― इंजी० ।


13. लोप चिन्ह या पद्लोप चिन्ह (… , ++++)
Mark of Ellipsis/Sign of Omnibox

जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो तो लोप चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।
रिक्त स्थानों को बताने के लिए लोप चिन्ह का प्रयोग किया जाता
उदाहरण जैसे :
उदाहरण : 1. राम ने मोहन को गली दी ... ।
उदाहरण : 2. मैं टिकट ले आऊंगा पर … , मैं साथ नहीं चलूँगा।
उदाहरण : 3. मैं सामान उठा दूंगा पर ... ।


14. दीर्घ उच्चारण चिन्ह (ડ)
Long Accentes

जब वाक्य में किसी शब्द विशेष के उच्चारण में अन्य शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तो वहां दीर्घ उच्चारण चिन्ह (ડ) का प्रयोग किया जाता है।
छंद में दीर्घ मात्रा (का, की, कू , के , कै , को , कौ) और लघु मात्रा (क, कि, कु, र्क) को दर्शाने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग होता है।
उदाहरण जैसे :
देखत भृगुपति बेषु कराला। ऽ। । । । । । ऽ। । ऽ ऽ (16 मात्राएँ, । को एक मात्रा तथा ऽ को 2 मात्रा माना जाता है)


जिस शब्द को ज्यादा समय तक बोलना होता है उस शब्द में इसका प्रयोग करते है
जैसे -- राम -- राssssम , अरे -- अssssरे

15. हंसपद या विस्मरण चिन्ह या त्रुटि बोधक चिन्ह (^)
Error Sign

जब किसी वाक्य अथवा वाक्यांश में कोई शब्द अथवा अक्षर लिखने में छूट जाता है तो छूटे हुए वाक्य के नीचे हंसपद चिह्न (^) का प्रयोग कर छूटे हुए शब्द को ऊपर लिख देते हैं। विस्मरण चिन्ह (Vismaran Chinh) का प्रयोग लिखते समय किसी शब्द को भूल जाने पर किया जाता है ।
उदाहरण जैसे :
. दिल्ली
उदाहरण : 1. राम कल ^ जायेगा।
. दिल्ली
उदाहरण : मैं पिताजी के साथ ^ गया ।
. करना
उदाहरण : हमें रोजाना अपना कार्य ^ चाहिए ।

16. तुल्यता सूचक (=)
Mark of Equal

किसी शब्द अथवा गणित के अंकों के मध्य की तुल्यता (समानता या बराबरी आदि) को दर्शाने के लिए तुल्यता सूचक (=) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जहाँ समान प्रकार की वस्तुओं की तुलना की जाय
उदाहरण जैसे :
उदाहरण : 1. अनपढ़ = अशिक्षित
उदाहरण : 2. 5 और 3 = 8
उदाहरण : 3. ब = अ
उदाहरण : 5. रूपये = 100 पैसे
उदाहरण : 6. किलो = 100 ग्राम

17. समाप्ति सूचक (-0-, —)
Mark of End

समाप्ति सूचक (-0-, —) चिह्न का उपयोग बड़े लम्बे लेख, कहानी, अध्याय अथवा पुस्तक के अंत में करते हैं, जोकि यह सूचित करता है कि लेख, कहानी, अध्याय अथवा पुस्तक समाप्त हो चूकि है।

18. तारक चिह्न / टीका सूचक चिह्न / फुट नोटों (*, +, +, 2)

तारक चिह्न /टीका सूचक चिह्न पाद टिप्पणी देने में लगाये जाते है | यदि किसी लेख या पुस्तक में किसी शब्द के विषय में कोई सूचना देनी होती है तो उस शब्द के साथ कोई एक चिह्न बना देते है और उसके सम्बंध में पृष्ठ के नीचे लिखते है |
इसका प्रयोग व्याकरणों में ज्यादा देखने को मिलता है | उदाहरण जैसे Learn Hindi वेबसाइट1 विश्व में हिंदी के प्रचार एवं प्रसार के लिये कार्य करती है | हिंदी भाषा का जीवन एवं शासकीय कार्यों में अधिकतम प्रयोग हो तथा एक दूसरे के द्वारा ज्ञान वृद्धि में सहायक हो, इसी भावना को मूर्तिरूप देने के लिये इस वेबसाइट या एप्स का निर्माण किया गया है |

 


1 – यह वेबसाइट हिंदी के प्रचार प्रसार का कार्य करता है |

19. पाद बिन्दु (÷)
Foot Point

(.) हिंदी अरबी ,फारसी से आये शब्दों के नीचे लगने वाला चिह्न |
उदाहरण जैसे -- क़ाग़ज़

20. योजक चिन्ह [ - ]
(Hyphen)

योजक चिन्ह (Yojak Chinh) का प्रयोग समस्त पदों के मध्य में किया जाता है ।
जब दो शब्दों में एक सार्थक और दूसरा निर्थक हो |
यह दो पदों को आपस में जोड़ता है |
जब दो संयुक्त क्रियाएं एक साथ प्रयुक्त हो |
उदाहरण जैसे - उठना - बैठना
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के जब दो पद एक साथ प्रयुक्त हो |
उदाहरण जैसे - दो -चार
उदाहरण जैसे :
उदाहरण : 1. देश के दीवानों ने तन-मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया ।
उदाहरण : 2. सुख-दुःख, लाभ-हानि, दिन-रात, यश-अपयश, तन-मन-धन ।

21. रेखांकन चिन्ह (_)
Underline

किसी भी वाक्य में महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य को रेखांकित करने के लिए रेखांकन चिन्ह (_)का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण जैसे :
उदाहरण : 1. गोदान उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ कृति है।
उदाहरण : 2. कृष्ण ने बरगद के पेड़ के निचे उपदेश दिया था।
उदाहरण : 3. हरियाणा और उत्तर प्रदेश को यमुना नदी प्रथक करती है।

21.तीर्थक चिन्ह ( /)

तीर्थक चिन्ह -- दो शब्दों के बीच अंतर या विकल्प बताने के लिए
उदाहरण जैसे : छात्र / छात्रा

व्युत्पादक ( > )

शब्द की उत्पत्ति दर्शाने के लिए
उदाहरण जैसे : संस्कृत > पाली > प्राकृत


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