Shabd ke bhed | शब्दों का वर्गीकरण

हिन्दी व्याकरण : शब्दों का वर्गीकरण | Shabdo ka Vargikaran

शब्दों का वर्गीकरण

शब्दों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया गया है

1. स्रोत या उद्गम के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
2. अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
3. त्पति, रचना या बनावट के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
4. प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
5. व्याकरणिक या विकार की दृष्टि के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

1.स्रोत या उद्गम के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

स्रोत या उद्गम के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण-स्रोत या उद्गम के आधार पर शब्दों के चार भेद होते हैं।
(i). तत्सम शब्द
(ii). तद्भव शब्द
(iii). देशज शब्द
(iv). विदेशज शब्द
(iv). संकर शब्द

(i). तत्सम शब्द

‘तत्सम’ का अर्थ होता है उसके समान यानि ज्यों का त्यों। हिन्दी भाषा में शब्दों का मूल स्रोत ‘संस्कृत’ भाषा है। हिन्दी के अधिकतर शब्द संस्कृत भाषा से लिये गये हैं। संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जो हिन्दी में भी अपने असली (संस्कृत के समान) रूप में प्रचलित हैं उसे ‘तत्सम’ शब्द कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
वायु, कवि, पुस्तक, गुरु, स्त्री, नदी, माता-पिता आदि।

परिभाषा :-

किसी भाषा की मूल भाषा के ऐसे शब्द जो उस भाषा में प्रचलित हैं, तत्सम है |
यानि कि हिन्दी की मूल भाषा - संस्कृत
तो संस्कृत के ऐसे शब्द जो उसी रूप में हिन्दी में (हिन्दी की परंपरा पर) प्रचलित हैं, तत्सम हुए |
उदाहरण जैसे :-
पाग, कपोत, पीत, नव, पर्ण, कृष्ण... इत्यादि |

तत्सम शब्दों की पहचान के नियम

1.नियम-एक

जिन शब्दों में किसी संयुक्त वर्ण (संयुक्ताक्षर) का प्रयोग हो, वह शब्द सामान्यत: तत्सम होता है |
वर्णमाला में भले ही मानक रूप से ४ संयुक्ताक्षर (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र) हैं, परन्तु और भी संयु्क्ताक्षर(संयुक्त वर्ण)बनते हैं ~ द्ध, द्व, ह्न, ह्म, त्त, क्त....इत्यादि |
उदाहरण जैसे :-
मुक्तक, कक्षा, श्रवण, त्रय, ज्ञात, विज्ञान, चिह्न, हृदय, अद्भुत, ह्रास, त्रिशूल, क्षत्रिय, अक्षत, जावित्री, श्रुति, यज्ञ, इत्यादि |

2.नियम दो

जिन शब्दों में किसी अर्घाक्षर (आधा वर्ण, किन्तु एक जगह पर एक ही वर्ण हो आधा) का प्रयोग हो, वे शब्द सामान्यत: तत्सम होते हैं | उदाहरण जैसे :-
वत्स, तत्सम, ज्योत, व्यक्ति, न्याय, च्युत ....इत्यादि |
भले ही दो अर्धाक्षर हों, पर यदि अलग-अलग वर्ण से बने हैं या अलग-अलग स्थान पर हैं, तो भी तत्सम ही होगा |
उदाहरण जैसे :-
अभ्यस्त, व्यस्त, वात्स्यायन इत्यादि|

3.तत्सम-शब्द की तीसरी पहचान का नियम/

अनुस्वारयुक्त शब्द तत्सम होते हैं |
उदाहरण जैसे :-
रंज, कंठ, पंक, अंक, अंग, पंकज, मयंक, संसार, संदीप, व्यंजन, चंदन, वंदन, मंद, सुगंध, रंक, पंत, संत, रंग, गंग, तरंग, भंग, जंग, दंग, अपंग, संग, चंग ..इत्यादि |

4.तत्सम-शब्द की चौथी पहचान का नियम/

जिन शब्दों में "स्वर, व्यंजन या विसर्ग संधि" हो, वे भी सामान्यत: तत्सम होते हैं|
उदाहरण जैसे :-
प्रज्वलित, कज्जल, पन्नग, वातायन, काकोदर, वनौषध, अम्मय, वैष्णव, गणेश...इत्यादि |

5.तत्सम-शब्द की 5th पहचान का नियम/

विधान-मुक्त (पहचान से मुक्त) : -उक्त चारों पहचान से मुक्त भी तत्सम-शब्द हो सकते हैं, इन्हें "स्वविवेक" से ही पहचाना जाता है |
उदाहरण जैसे :-
सरल, पवन, सलिल, पीत, हरि, हरित, सरस,नयन....इत्यादि |

(ii). तदभव् शब्द

तद्भव का अर्थ होता है ‘उससे होना’ अथार्त उसके समान यानि ऐसे शब्द जो संस्कृत के शब्दों से बिगड़ कर, बदले हुए रूप में हिन्दी में प्रचलित हैं उसे तद्भव कहते है।
उदाहरण जैसे :-
(हस्त) हाथ, (पाद) पाँव, (दुग्ध) दूध, (दन्त) दांत आदि।

तदभव् शब्द परिभाषा :-

किसी भाषा की मूल भाषा के ऐसे शब्द; जो मूल भाषा से प्रयोगित-भाषा में आते-आते अपनी बनावट बदल लेते हैं, परन्तु अर्थ पहले वाला ही बना रहता है | अर्थात् संस्कृत के वे शब्द, जो थोड़े परिवर्तन के साथ उसी अर्थ में प्रयोग होते हैं, तद्भव है ; साथ ही ऐसे शब्द, जिन्हें प्रयोगित भाषा ने स्वयं गढ़ा है, तद्भव कहलाते हैं | उदाहरण जैसे :-
डण्डा, पीला, नीला, पगड़ी, कटोरी...इत्यादि (तत्सम से तद्भव हैं ये)
और कंकड़, पनघट, लठैत, चचेरा, नवलखा, सँपोला...इत्यादि (ये हिन्दी ने स्वयं गढ़े हैं ) |

तद्भव शब्द की पहचान

1.नियम-एक

संयु्क्ताक्षर २. अर्धाक्षर ३. अनुस्वार व ४. सामान्य संधियों वाले शब्द "तद्भव" नहीं होते |(ये तो तत्सम ही होते हैं ) |

2.नियम दो

चन्द्रानुस्वार\चन्द्रबिन्दु वाले शब्द "तद्भव होते हैं
उदाहरण जैसे :-
आँख, चाँद, आँगन, पाँच, माँ, आँजना, माँजना, जाँच...इत्यादि |

3.तद्भव-शब्द की तीसरी पहचान का नियम/

द्वित्व वर्ण वाले शब्द सामान्यत: तद्भव होते हैं, जिनमें साधारणत: संधि नहीं होती हो |
द्वित्व ~ एकसही वर्ण पहले आधा, फिर पूरा आने पर "दित्व" बनता है |
उदाहरण जैसे :-
पट्टा, चक्की, पक्का, छक्का,धक्का, चढ्ढा, मक्का, धक्का, धब्बा, कच्चा, बच्चा,गन्ना, खट्टा, सच्चा ....इत्यादि |

(iii). देशज

हिन्दी भाषा के ऐसे शब्द जो देश के विभन्न बोलियों से लिया गया है, उसे देशज शब्द कहते हैं।
उदाहरण जैसे :- पगड़ी, खिड़की, खटिया, जूता, झाड़ू, पेट आदि।

देशज शब्द परिभाषा :-

ऐसे शब्द , जो अपने ही देश की अन्य भाषाओं (हिन्दी व संस्कृत को छोड़कर) एवं बोलियों से आकर हिन्दी में शामिल हुए हैं , देशज हैं |
यानि कि देेश की किसी भी भाषा व बोली का शब्द; यदि हिन्दी में प्रयुक्त होता है , तो वह देशज कहलाएगा |
उदाहरण जैसे :-
बाटी, लोठा, डण्डा, खाट, माचा, पोहा, इडली-साँभर, खूँटी, चूरमा....इत्यादि|

देशज शब्द होने की शर्त ध्यान रहनी चाहिए कि वह शब्द अपने ही देश की किसी भाषा (हिन्दी, संस्कृत के अलावा) या बोली से आकर गान में जुड़ा हो|
देशज शब्द दो प्रकार के होते है -
1. अनुकरण वाचक देशज शब्द
2. अनुकरण रहित देशज शब्द

अनुकरण वाचक देशज शब्द

जब पदार्थ की कल्पित या वास्तविक ध्वनि को ध्यान में रखकर शब्दों का निर्माण किया जाता है, तो वे अनुकरण वाचक देशज शब्द कहलाते हैं।
जैस - खटखटाना, गडगडाना, हिनहिनाना, कल-कल तथा पशु पक्षियों की आवाजें इसमें आती हैं।

अनुकरण रहित देशज शब्द

वे शब्द जिनके निर्माण की प्रक्रिया का पता नहीं होता है, उन्हें अनुकरण रहित देशज शब्द कहते हैं।
जैसे - कपास, कौड़ी, बाजरा, अँगोछा, जूता, लोटा, ठर्रा, ठेस, घेवर, झण्डा, मुक्का, लकड़ी, लुग्दी।
- कोल व संधाल जातियों से आए शब्द कदली, सरसों, भिंडी देषज शब्द हैं।
- द्रविड़ परिवार के शब्द – नीर कज्जल, डोसा-इडली, लूंगी, ताला आदि। इन्हें भी देषज शब्द कहलाते हैं।

प्रमुख देशज शब्दों के उदाहरण

क्रमदेशज शब्द
1.झिलमिल
2.झुग्गी
3.पों–पों
4.टोटी
5.लोटा
6.घोटाला
7.जगमग
8.गड़बड़
9.चटपट
10.खुसुर-पुसर
11.तोंद
12.डिबिया
13.चपटा
14.लाला
15.कांय–कांय
16.धड़ाम
17.बक-बक
18.ठक-ठक
19.ठन-ठन
20.सर-सर
21.टक्कर
22.डकारा
23.खटपट
24.खर्राटा
25.उटपटांग
26.टुच्चा
27.काका
28.बाबा
29.झाड़
30.धक्का

(iv). विदेशज

हिन्दी भाषा के ऐसे शब्द जो विदेशी भाषाओं से आकर हिन्दी भाषा में मिल गए हैं, उन्हें ‘विदेशी’ या ‘विदेशज’ शब्द कहते हैं। इसके अंतर्गत अंग्रेजी, फारसी, अरबी, तुर्की आदि अनेक भाषाओँ के शब्द सम्मिलित हैं
उदाहरण जैसे :-
1. पुर्तगाली :- रुमाल, महाराज़, जलेबी, आलमारी, पपीता, अचार, काजू, फीता, तम्बाकु, बटन, बाल्टी, पीपा, गमला आदि।
2. रूसी : स्पूतनिक
3. अरबी :– अदालत, पैजामा, कुर्ता, अमीर, खत, खबर, फकीर, हाकिम आदि।
4. अंग्रेजी :– पेन, लाईट, रोड, सिटी, बस, ट्रेन. अपील, स्कूल, स्टेशन, मास्टर, रेल, पुलिस, जज, डीजल, रजिस्टर, मोटर, फण्ड आदि।
5. फारसी :– कबूतर, आलमारी, आमदनी, अफसोस, कमर, खामोश, चश्मा, दूकान, मुफ्त आदि।
6. तुर्की :– चेचक, आका, चाबुक, बेगम, लाश, मुग़ल, बहादुर, कुली, तोप, कैंची, ताश आदि।
7. चीनी :- चाय, लीची....इत्यादि |
8. डंच : बम, ड्रिल, तुरूप
9. यूनानी: एटलस, एटम, एकेडमी

विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल है।

अरबी शब्द

अदा, अजब, अजीब, अमीर, अक्ल, असर, अल्ला, आसार, आखिर, आदत, आदमी, इनाम, इज्जत, ईमारत, इस्तीफ़ा, इजाज, ईमान, उम्र, एहसान, औरत, औसत, औलाद, कसार, कसूर, कब्र, कदम, कमल, कर्ज, किस्मत, किला, कसम, कीमत, कसरत, कुर्सी, किताब, कायदा, कातिल, खबर, ख़त्म, खत, ख्याल, ख़राब, खिदमत, गरीब, गैर, जाहिल, जिस्म, जलसा, जनाब, जवाब, जहाज, जालिम, जिक्र, तमाम, तकाजा, तकदीर, तारिख, तकिया, तमाशा, तरफ, तादात, तरक्की, तजुरबा, दिमाग, दवा, दाबा, दावत, दफ्तर, दगा, दुआ, दफा, दुकान, दुनिया, दौलत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नकद, नक़ल, नहर, फ़कीर, फायदा, फैसला, बाज, बहस, बाकी, मुहावरा, मदद, मुद्दई, मरजी, माल, मिसाल, मजबूर, मालूम, मामूली, मुक़दमा, मुल्क, मल्लाह, मौसम, मौका, मौलवी, मुसाफिर, मशहूर, मतलब, मानी, यतीम, राय, लिहाज, लफ्ज, लहजा, लिफाफा, लियाकत, लायक, वारिस, वहम, वकील, शराब, हिम्मत, हैजा, हिसाब, हरामी, हद, हक़, हुक्म, हाल, हाकिम, हमला, हवालात, हौसला.........

फारसी शब्द

जादू, जागीर, जान, जुरमाना, जिगर, अफ़सोस, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आराम, आवारा, आमदनी, आवाज, आफत, आईना, उम्मीद, कबूतर, कमीना, कुश्ती, किशमिश, कमरबन्द, किनारा, कूचा, खाल, खुद, खामोश, खरगोश, खुश, खूब, खुराक, गल्ला, गोला, गवाह, गिरफ्तार, गरम, गिरह, गुल, गुलाब, गोश्त, चाबुक, चादर, चिराग, चश्मा,चिराग, चूँकि, चेहरा, चाशनी, जंग, जहर, जोर, जबर, जिन्दगी, जोश, तरकश, तमाशा, तेज, तीर, तबाह, तनख्वाह, ताजा, दीवार, देहात, दस्तूर, दुकान, दरबार, दंगल, दिल, दिलेर, दरबार, दवा, नाव, नामर्द, नापसन्द, पलंग, पैदावार, पलक, पुल, पारा, पेशा, पैमाना, बहरा, बेहूदा, बीमार, बेरहम, मादा, माशा, मलाई, मुर्दा, मजा, मलीदा, मुफ्त, मोर्चा, मीना, मुर्गा, मरहम, याद, यार, रंग, राह, लश्कर, लगाम, लेकिन, सूद, सौदागर, हफ्ता, हजार,वर्ना, वापिस, शादी, शोर, सितारा, सितार, सरासर, सुर्ख, सरदार, सरकार..........

तुर्की शब्द

उर्दू, मुग़ल, आका, काबू, कालीन, कैंची, कुली, कुर्की, चेचक, चमचा, तोप, तमगा, तलाश, बेगम, बहादुर, सौगात, सुराग लाश, लफंगा........

पुर्तगाली शब्द

आलपीन, आलमारी, बाल्टी, चाबी, फीता, तम्बाकू, आया, इस्पात, इस्तिरी, कमीज, कनस्टर, कमरा, काजू, गमला, गोदाम, गोभी, तौलिया, नीलाम, परत, पिस्तौल, साया, पादरी, परात, इस्पात, मेज, लबादा......

अंग्रेजी शब्द

अफसर, इंजन, डॉक्टर, लालटेन, सिलेट, अस्पताल, टिकस, कप्तान, थेटर/ठेठर, तारपीन, बोतल, मील, अपील, आर्डर, इंच, इंटर, इयरिंग, एजेंसी, कंपनी, कमीशन, कमिश्नर, कैम्प, क्लास, क्वार्टर, क्रिकेट, काउन्सिल, गजट, गार्ड, जेल, चेयरमैन, ट्यूशन, डायरी, डिप्टी, ड्राइवर, पेंसिल, पेन, नंबर, नोटिस, नर्स, थर्मामीटर, पार्टी, पेट्रोल, पाउडर, कॉलर, प्लेट, पार्सल.......

(v). संकर शब्द

ऐसे शब्द जो हिन्दी और किसी अन्य भाषा के शब्द को मिलाकर बनाया गया है उसे संकर शब्द कहते हैं। जैसे- रेलगाड़ी, इसमें ‘रेल’ अंगेजी शब्द है और ‘गाड़ी’ हिन्दी है। टिकटघर, इसमें ‘टिकट’ अंग्रेजी शब्द है और ‘घर’ हिन्दी शब्द है। इसी तरह घोड़ागाड़ी, मोटरगाड़ी आदि।

ऐसे शब्द जो अलग-अलग भाषाओं से मिलकर बने हैं, उसे संकर शब्द कहते है।
दूसरे शब्दों में : - दो अलग-अलग भाषाओं के मेल से बनने वाले नए शब्द को संकर शब्द कहा जाता है।

संकर शब्द के उदाहरण

क्रम शब्द संकर शब्द
1.जाँच (हिंदी) + कर्ता (संस्कृत)जाँचकर्ता
2.बे (फ़ारसी) + कायदा (अरबी)बेकायदा
3.टिकट (अंग्रेजी) + घर (हिंदी)टिकटघर
4.अश्रु (हिंदी) + गैस (अंग्रेजी)अश्रुगैस
5.नेक (फ़ारसी) + चलन (हिंदी)नेकचलन
6.वर्ष (संस्कृत) + गाँठ (हिंदी)वर्षगाँठ
7.बस (अंग्रेजी) + अड्डा (देसी)बस-अड्डा
8.सजा (फ़ारसी) + प्राप्त (संस्कृत)सजाप्राप्त
9.बम (अंग्रेजी) + वर्षा (हिंदी)बमवर्षा
10.अपील (अंग्रेजी) + कर्ता (संस्कृत)अपीलकर्ता
11.ऑपरेशन (अंग्रेजी) + कक्ष (संस्कृत)ऑपरेशनकक्ष
12.उड़न (हिंदी) + तश्तरी (फ़ारसी)उड़नतश्तरी
13.उद्योग (संस्कृत) + पति (हिंदी)उद्योगपति
14. नेक (फ़ारसी) + नीयत (अरबी)नेकनीयत
15.बे (फ़ारसी) + ढंगा (देसी)बेढंगा
16.बे (फ़ारसी) + आब (अरबी)बेआब
17.रेल (अंग्रेजी) + गाड़ी (हिंदी)रेलगाड़ी


2.अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

अर्थ के आधार पर शब्दों के चार प्रकार हैं।
(i). एकार्थक शब्द
(ii). अनेकार्थक शब्द
(iii). समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द
iv). विपरीतार्थक शब्द

(i) एकार्थक शब्द

एकार्थी शब्द उसे कहते है जो सुनने में सामान लगते है लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग होते है।
एकार्थी शब्द वे शब्द होते हैं , जिनका एक ही अर्थ ( मुख्यार्थ ) होता है व्यक्तिवाचक , जातिवाचक संज्ञाएँ इसी श्रेणी के अंतर्गत आती हैं ।
जैसे - अलीगढ़ आजमगढ़ , कोलकाता , मोहन , इंदिरा गांधी , अटल बिहारी वाजपेयी , हिमालय , गंगा जनवरी , मंगलपांडेय , घोड़ा , कुत्ता , हाथी , ऊँट , शेर , पुस्तक , नदी , पेड़ , स्कूल ।

किसी भाष में एकार्थी शब्दों का बहुत बड़ा भंडार होता है ।

हिंदी के एकार्थी शब्दों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं :

उदाहरण जैसे :-
क्रमशब्द अर्थ
1. अभ्यास आद
2. कृपाण तलवार
3. कुशल चतुर
4. कुलिश वज्र
5. कलुष पाप आदि
6. आसक्त मोहित
7. अभिराम सुन्दर
8. अविराम लगातार
9. अचल स्थिर
10. अंचल प्रदेश, वस्त्र
11. आभास झलक
12. अनल आग
13. अनिल वायु
14. अशक्त असमर्थ
15. अवधि निश्चित समय
16. अवधी अवध की भाषा
17. अपर दूसरा
18. अपार असीम
19. अलि भँवरा
20. आलि सखी
21. कृपण कंजूस


(ii) अनेकार्थक शब्द

जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें अनेकार्थक शब्द कहते हैं।
वे शब्द जो एक से अधिक अर्थ देते हैं , अनेकार्थी कहलाते हैं । ऐसे शब्द भाव : प्रसंग के अनुसार अर्थ देते हैं । जैसे - ' अंक ' शब्द के अर्थ हैं - संख्या , गोद अध्याय चिह नाटक का अंक । उदाहरण जैसे :-

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले कुछ अनेकार्थी शब्द निम्नलिखित हैं :

क्रमशब्द अर्थ
1.अंक चिन्ह, हिन्दसा, भाग्य, गोद, नाटक या पत्रिका का अंक
2.अंत समाप्ति, सीमा, मृत्यु
3.अक्षर वर्ण, ईश्वर, नाश न होने वाला
4.अर्थ मतलब, धन, प्रयोजन, कारण
5.अशोक शोकरहित, विशेष वृक्ष
6.आलि सखी, पंक्ति
7.कनक सोना, धतूरा
8.कल चैन, बिता दिन, आने वाला दिन, मशीन
9.कर्ण अंग देश का राजा, कान, पतवार,
10.गुण विशेषता, रस्सी
11.गुरु अध्यापक, भारी, श्रेष्ठ, बड़ा (बुजुर्ग)
12.जीवन पानी, जिंदगी, वृति (गुजरा) आदि
13 अंबर  कपड़ा , आकश , एक सुगंध विशेष । 
14 अर्क  आकाश , आक का वृक्ष , दवाई आदि के लिए औषधियों से तैयार किया जाने वाला सार । 
15 अनंत  आकाश , ईश्वर , शेषनाग , अंतहीन 
16 अक्षर  वर्ण , शिव , ब्रह्मा , आत्मा , मोक्ष 
17 अमृत  अन्न , जल , दूध , पारा , स्वर्ण 
18 अज  ब्रह्मा , बकरा , शिव , विष्णु , स्वयंभू
19 अब्ज  शंख , कपूर , कमल , चंद्रमा  
20 अधर  अंतरिक्ष , निचला होंठ , धरती और आकाश के मध्य 
21 आली  सखी , पंक्ति , गीली 
22 आतुर  रोगी , उत्सुक , विकल , अधीर 
23 उत्तर  उत्तर दिशा , जवाब , बाद का 
24  उत्सर्ग  त्याग , दान , समाप्ति , न्याय 
25 कनक  सोना , धतूरा , गेहूँ , पलाश 
26 कर  हाथ , किरण , हाथी की सैंड , टैक्स , करना क्रिया का आज्ञार्थक रूप 
27  कल  चैन , बीता हुआ कल , आने वाला कल , कल- कल की आवाज़ , मशीन 
28 काम  इच्छा , कार्य , कामदेव , वासना 
29 काल समय , मृत्यु , अवसर , दुर्भिक्ष , शिव का एक नाम 
30 गुरु  शिक्षक , भारी , बड़ा , दो मात्राओं वाला वर्ण 
31 गौ  गाय , पृथ्वी , इंद्रियाँ 
32 घन  बादल , घना , हथौड़ा 
33 जलज  कमल , शंख , मोती , मछली 
34 तीर  किनारा , बाण 
35 द्विज  दाँत , ब्राह्मण , पक्षी  
36 नाक  स्वर्ग , नासिका 
37 नाग  साँप , हाथी 
38 पट  किवाड़ , परदा , कपड़ा  
39 पुरंदर  सूर्य , उड़ाई जाने वाली पतंग , एक प्रकार का कीड़ा . ज्येष्ठा नक्षत्र 
40 पोत  नाव , बच्चा , स्वभाव , वस्त्र 
41 पत्र  पत्ता , चिट्ठी , समाचार , पत्र 
42 पय  दूध , पानी , अमृत 
43 पृष्ठ  पीठ , पीछे का भाग , कागज़ का पृष्ठ 
44 प्रत्यय  प्रमाण , विश्वास , विचार , निर्णय 
45 भव  संसार , उत्पत्ति , शंकर  
46 भूत  बीता हुआ , प्राणी , प्रेत  
47 मधु  शहद , मदिरा , वसंत , मीठा 
48 मित्र  सूर्य , दोस्त 
49 मुद्रा  मोहर , सिक्का , मुख का भाव 
50 रंग  वर्ण , दशा , प्रेम 
51 रस  स्वाद , सार , आनंद , प्रेम , फलों का निचोड़ 
52 लय  डूबना , मिलना , स्वर का उतार- चढ़ाव 
53 लक्ष्य  उद्देश्य , निशाना 
54 लाल  एक रंग , पुत्र 
55 वर  श्रेष्ठ , पति , चुनना , वरदान 
56 वर्ण  जाति , रंग , अक्षर 
57 वार  आक्रमण , दिन 
58 विजया  दुर्गा , भाँग 
59 विधि  ब्रह्मा , रीति , प्रकार 
60 विषम  कठिन , भयंकर , जो सम न हो 
61 विषय  भोग-विलास , जिसके बारे में कुछ कहा जाए 
62 शेष  बचा हुआ , शेषनाग 
63 श्यामा  राधा , यमुना , काले रंग की गाय , कोयल , स्त्री 
64 श्रुति  वेद , कान 
65 श्री  लक्ष्मी , सरस्वती , शोभा , कांति , धन 
66 शिखी  मोर , पर्वत , अग्नि 
67 सारंग  मोर , साँप , बादल , हंस , कोयल , कामदेव 
68 सोना  स्वर्ण , शयन 
69 सूत  धागा , सारथी 
70 स्नेह  प्रेम , तेल , कोमलता  
71 स्कंद  विनाश , शिव , शरीर , कार्तिकेय 
72 हय  घोड़ा , इंद्र ।


(iii) समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द

जिन शब्दों का अर्थ सामान हो उसे समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-

क्रमशब्द अर्थ
1.संसार दुनिया, जग, जगत, विश्व
2.बादल मेघ, जलधर, घन
3.पृथ्वी रवि, भास्कर, आदित्य, दिनेश
4.रात रात्रि, रजनी, यामिनी, निशा
5.पुष्प फूल, कुसुम, प्रसून, सुमन
6.जल पानी, नीर, अंबु
7.मित्र सखा, दोस्त, मित
8.नदी तटिनी, सरिता तरंगिनी
9.चाँद शशि, चंद्र, चन्द्रमा, राकेश


(iv) विपरीतार्थक शब्द (विलोम शब्द )

ऐसे शब्द जो एक दूसरे के विपरीत अर्थ को प्रकट करते हो उन्हें विपरीतार्थक या विलोम शब्द कहते हैं। विपरीत अर्थ वाले शब्दों को प्रतिलोम या विलोम शब्द भी कहा जाता है।
उदाहरण जैसे :-

क्रमशब्द विपरीतार्थक
1.उन्नति अवनति
2.उत्कृष्ट निकृष्ट
3.उपयुक्त अनुपयुक्त
4.अनिवार्य ऐच्छिक, वैकल्पिक
5.आस्तिक नास्तिक
6.आगामी विगत
7.आरोह अवरोह
8.आस्था अनास्था
9.अल्पसंख्यक बहुसंख्यक
10.अनुरक्त विरक्त
11.अनुग्रह विग्रह
12.इहलोक परलोक
13.इष्ट अनिष्ट
14.उत्कर्ष अपकर्ष


3. व्युत्पति, रचना या बनावट के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

रचना या बनावट के आधार पर शब्दों के तीन प्रकार होते हैं।
(i). रूढ़ शब्द
(ii). यौगिक शब्द
(iii). योगरूढ़ शब्द

(i) रूढ़ शब्द

वे शब्द जो एक निश्चित अर्थ में प्रयोग किये जाते है, जो अपने आप में पूर्ण होते है। उन्हें हम रूढ़ शब्द कहते है। जैसे- माता, गाय, पानी, नल आदि। इन शब्दों का निश्चित अर्थ होता है। इन शब्दों को टुकड़े नहीं किया जा सकता है। इन शब्दों को तोड़ने से कोई अर्थ नहीं निकलता है।
जैसे- ‘नल’ शब्द का अर्थ तो होता है लेकिन इसी शब्द को न+ल लिखने पर कोई अर्थ नहीं निकलता है। उसी तरह कलम, गाय, शंख, पानी आदि ऐसे शब्द हैं जिनका अर्थ तो निकलता है लेकिन इन शब्दों को अलग-अलग करके लिखने पर कोई अर्थ नहीं निकलता है ऐसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते है।
जिन शब्दों के सार्थक खण्ड न हो सकें, वे रूढ़ शब्द कहे जाते हैं, जैसेकृपानी में पा $ नी सार्थक खण्ड नहीं है, अतः पानी रूढ़ शब्द है।

(ii) यौगिक शब्द

यौगिक का अर्थ होता है ‘जुड़ा’ होना या मिलाना अथार्त वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने से बने हो, उसे यौगिक शब्द कहते है।
जो शब्द दो शब्दों के मेल से बनते हैं और जिनके सार्थक खण्ड हो सकते हैं, यौगिक शब्द कहे जाते हैं, जैसे- दूधवाला = दूध + वाला, घुड़सवार = घोड़ा + सवार । यहाँ दोनों खण्ड सार्थक हैं।
जैसे- पाठशाला : पाठ + शाला
रसोईघर : रसोई + घर,
पानवाला : पान + वाला आदि।

(iii) योगरूढ़ शब्द

जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के मिलकर बने हैं फिर भी वे किसी सामान्य अर्थ को प्रगट नहीं करके एक विशेष अर्थ को प्रगट करता है उसे योगरूढ़ शब्द कहते हैं।
जो शब्द यौगिक तो होते हैं, पर अपने सामान्य अर्थ को छोड़ किसी परम्परा से विशेष अर्थ के परिचायक बन जाते हैं, योगरूढ़ शब्द कहे जाते हैंय जैसे-जलज = जल + ज = जल में उत्पन्न अर्थात् कमल । जल में बहुत सारी चीजें उत्पन्न होती हैं, किन्तु परम्परा से इसका अर्थ केवल कमल ही लिया जाता है अतः यह योगरूढ़ शब्द है।
जैसे-
जलज : जल + ज = ‘जल’ का अर्थ होता है पानी और ‘ज’ अर्थ होता है जन्म लेने वाला अथार्त जल में जन्म लेने वाला ‘कमल’। उसी तरह एक दूसरा उदाहरण लेते है
दशानन : दश + आनन। ‘दश’ का अर्थ हुआ दस और ‘आनन’ का अर्थ होगा मुख अथार्त दस मुख वाला ‘रावण’। इस तरह यह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को प्रकट करता है। ऐसे शब्दों को योगरूढ़ शब्द कहते हैं।


4. प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

प्रयोग के आधार पर शब्दों के तीन प्रकार हैं। (i). सामान्य शब्द (ii). तकनीकी शब्द (iii). अर्धतकनीकी शब्द

(i) सामान्य शब्द

सामान्य शब्द वे शब्द कहलाते है जिन शब्दों का सामान्य अर्थ होता है। जैसे- अहंकार का अर्थ घमंड, अंबर का आकाश, सूर्य का सूरज, चाँद का चन्द्रमा आदि।

(ii) तकनीकी शब्द

तकनीकी शब्द हिन्दी के वे शब्द हैं जिन्हें हम भिन्न-भिन्न विषयों में प्रयोग करते हैं
जैसे-
अर्थशास्त्र के शब्द- मूल्य, लागत, बजट।
विज्ञान के शब्द- विकिरण, पोषण, तत्व, उर्वरता, यांत्रिकी आदि।
प्रशासनिक शब्द- निर्देशक, अनुदान, राज्यपाल, सर्वेक्षण, कुलपति आदि।

(iii) अर्धतकनीकी शब्द

अर्धतकनीकी शब्द वे शब्द होते हैं जो कुछ तकनीकी और कुछ हिन्दी भाषा के शब्द से संबंधित अर्थ वाले होते है ऐसे शब्दों को अर्धतकनीकी शब्द कहते हैं।
जैसे- पदत्याग, उदासीनता, इसरो, वैमानिक, कुर्की आदि।

5. व्याकरणिक या विकार की दृष्टि के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

व्याकरणिक या विकार की दृष्टि के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
(i). विकारी शब्द
(ii). अविकारी शब्द

(i) विकारी शब्द

वे शब्द जिनके प्रयोग के समय लिंग-वचन, कारक-काल आदि के अधार पर परवर्तन होता है उसे विकारी शब्द कहते हैं- जैसे संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया तथा विशेषण आदि विकारी शब्द हैं।

(ii) अविकारी शब्द-

अविकारी शब्द वे शब्द हैं जिनका रूप प्रयोग के समय किसी भी स्थिति में परिवर्तन नहीं होता है उसे अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक शब्द अविकारी शब्द हैं।



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