लोकोक्तियाँ
Proverb
इस लेख में हम लोकोक्तियों के बारे में जानेंगे। हम यहाँ लोकोक्तियाँ क्या होती हैं? लोकोक्तियों और मुहावरों में क्या अंतर है? और लोकोक्तियों के कुछ उदाहरण अर्थ और वाक्यों सहित दे रहे हैं :-
लोकोक्ति क्या है :–
लोकोक्ति या कहावत एक स्वतंत्र वाक्य होते हैं जो अपने में ही अर्थ को छुपाये होती हैं अर्थात किसी लोकोक्ति को पढ़ कर ही लोकोक्ति का पूरा अर्थ जाहिर होता है। जबकि मुहावरे में वाक्यांश से उसका साधारण अर्थ जाहिर न होकर एक विशेष अर्थ निकल कर आता है।
उदाहरण जैसे :-
दाम लगाना का अर्थ है– मूल्य आँकना
लोकोक्तियाँ की परिभाषा
Proverb definition
किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं।
दूसरे शब्दों में : - जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है ।
लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है।
लोकोक्ति किसी घटना पर आधारित होती है। इसके प्रयोग में कोई परिवर्तन नहीं होता है। ये भाषा के सौन्दर्य में वृद्धि करती है।
क्योंकि लोकोक्ति का जन्म व्यक्ति द्वारा न होकर लोक द्वारा होता है, अतः लोकोक्ति के रचनाकार का पता नहीं होता। इसलिए अँग्रेजी में इसकी परिभाषा दी गई है- (A proverb is a saying without an author) अर्थात ‘लोकोक्ति ऐसी उक्ति है जिसका कोई रचनाकार नहीं होता।’
लोकोक्तियाँ ऐसे कथन या वाक्य हैं जिनके स्वरूप में समय के अंतराल के बाद भी परिवर्तन नहीं होता और न ही लोकोक्ति व्याकरण के नियमों से प्रभावित होती है। अर्थात लिंग, वचन, काल आदि का प्रभाव लोकोक्ति पर नहीं पड़ता। इसके विपरीत मुहावरों की संरचना में परिवर्तन देखे जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए 'अपना-सा मुँह लेकर रह जाना' मुहावरे की संरचना लिंग, वचन आदि व्याकरणिक कोटि से प्रभावित होती है ।
उदाहरण : 1. लड़की अपना-सा मुँह लेकर रह गई।
उदाहरण : 1. लड़का अपना सा मुँह लेकर रह गया।
जबकि लोकोक्ति में ऐसा नहीं होता। उदाहरण के लिए 'यह मुँह और मसूर की दाल' लोकोक्ति का प्रयोग प्रत्येक स्थिति में यथावत बना रहता है ।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. (i) राधा की आमदनी से घर का खर्चा बड़ी मुश्किल से चलता है और कहती है कि नया घर जल्दी लेने वाली है। यह तो राधा के लिएवही बात हुई कि यह मुँह और मसूर की दाल।
उदाहरण : 1. (ii) है तो चपरासी पर कहता है कि लंबी गाड़ी खरीदूँगा। यह मुँह और मसूर की दाल।
मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर
Difference between Idioms and Proverb
मुहावरे | लोकोक्तियाँ |
---|---|
(1) मुहावरे वाक्यांश होते हैं, पूर्ण वाक्य नहीं। जब वाक्य में इनका प्रयोग होता है तब इन्हें संरचनागत पूर्णता प्राप्त होती है। उदाहरण जैसे :- अपना उल्लू सीधा करना, कलम तोड़ना आदि। | (1) लोकोक्तियाँ पूर्ण वाक्य होती हैं। इनमें कुछ घटाया-बढ़ाया नहीं जा सकता। भाषा में प्रयोग की दृष्टि से विद्यमान रहती है। उदाहरण जैसे :- चार दिन की चाँदनी फेर अँधेरी रात। |
(2) मुहावरा वाक्य का अंश होता है, इसलिए उनका स्वतंत्र प्रयोग संभव नहीं है। उनका प्रयोग वाक्यों के अंतर्गत ही संभव है। | (2) लोकोक्ति एक पूरे वाक्य के रूप में होती है, इसलिए उनका स्वतंत्र प्रयोग संभव है। |
(3) मुहावरे शब्दों के लाक्षणिक या व्यंजनात्मक प्रयोग हैं। | (3) लोकोक्तियाँ वाक्यों के लाक्षणिक या व्यंजनात्मक प्रयोग हैं। |
(4) वाक्य में प्रयुक्त होने के बाद मुहावरों के रूप में लिंग, वचन, काल आदि व्याकरणिक कोटियों के कारण परिवर्तन होता है। उदाहरण जैसे :- आँखें पथरा जाना। प्रयोग- पति का इंतजार करते-करते माला की आँखें पथरा गयीं। | (4) लोकोक्तियों में प्रयोग के बाद में कोई परिवर्तन नहीं होता। उदाहरण जैसे :- अधजल गगरी छलकत जाए। प्रयोग- वह अपनी योग्यता की डींगे मारता रहता है जबकि वह कितना योग्य है सब जानते हैं। उसके लिए तो यही कहावत उपयुक्त है कि 'अधजल गगरी छलकत जाए। |
(5) मुहावरों का अंत प्रायः 'ना' युक्त क्रियाओं के साथ होता है। उदाहरण जैसे :- हवा हो जाना, होश उड़ जाना, सिर पर चढ़ना, हाथ फैलाना आदि। | (5) लोकोक्तियों के लिए यह शर्त जरूरी नहीं है। चूँकि लोकोक्तियाँ स्वतः पूर्ण वाक्य हैं अतः उनका अंत क्रिया के किसी भी रूप से हो सकता है। उदाहरण जैसे :- अधजल गगरी छलकत जाए, आ बैल मुझे मार, अकेली मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। |
(6) मुहावरे किसी स्थिति या क्रिया की ओर संकेत करते हैं, उदाहरण जैसे :- हाथ मलना, मुँह फुलाना? | (6) लोकोक्तियाँ जीवन में कभी न कभी घटित घटनाओं को व्यंजित करती हैं, उदाहरण जैसे :- न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी, ओस चाटे से प्यास नहीं बुझती, नाच न जाने आँगन टेढ़ा। |
(7) मुहावरे किसी क्रिया को पूरा करने का काम करते हैं। | (7) लोकोक्ति का प्रयोग किसी कथन के खंडन या मंडन में प्रयुक्त किया जाता है। |
(8) मुहावरों से निकलने वाला अर्थ लक्ष्यार्थ होता है जो लक्षणा शक्ति से निकलता है। | (8) लोकोक्तियों के अर्थ व्यंजना शक्ति से निकलने के कारण व्यंग्यार्थ के स्तर के होते हैं। |
(9) मुहावरे 'तर्क' पर आधारित नहीं होते अतः उनके वाच्यार्थ या मुख्यार्थ को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उदाहरण जैसे :- ओखली में सिर देना, घाव पर नमक छिड़कना, छाती पर मूँग दलना। | (9) लोकोक्तियाँ प्रायः तर्कपूर्ण उक्तियाँ होती हैं। कुछ लोकोक्तियाँ तर्कशून्य भी हो सकती हैं। उदाहरण जैसे :- तर्कपूर्ण : (i) काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती। (ii) एक हाथ से ताली नहीं बजती। (iii) आम के आम गुठलियों के दाम। तर्कशून्य : (i) छछूंदर के सिर में चमेली का तेल। |
(10) मुहावरे बहुत ज्यादा बनावटी नहीं होते। | (10) कुछ लोकोक्तियाँ बहुत अधिक बनावटी-पन दर्शाती है। |
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