Adjective | Visheshan

हिन्दी व्याकरण : विशेषण | Adjective

हिन्दी व्याकरण : विशेषण | Adjective

विशेषण(Adjective)

विशेषण- जो शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उसे विशेषण कहते हैं। वह ‘विशेषण’ जो किसी शब्द की ‘विशेषता’ को प्रकट करता है, उसे ‘विशेष्य’ कहते है।
जैसे- बालक बहुत ‘सुन्दर’ है।
फल बहुत ‘मीठा’ है। सीता के बाल ‘लम्बे’ हैं आदि। इन वाक्यों में ‘मीठा’, ‘सुन्दर’ और ‘लम्बे’ शब्द विशेषण हैं तथा ‘फल’ ‘बालक’ और ‘बाल’ विशेष्य हैं।

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
'हिमालय एक विशाल पर्वत है।' यहाँ "विशाल" शब्द "हिमालय" की विशेषता बताता है इसलिए वह विशेषण है।
विशेष्य के साथ विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है।
1. विशेष्य के पहले विशेषण का प्रयोग। इसे विशेष्य-विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
मैंने ‘लाल’ घोडा देखा। मैंने ‘मीठा’ फल खाया।
2. विशेष्य के बाद अथवा क्रिया से पहले विशेषण का प्रयोग। इसे ‘विधेय-विशेषण’ कहते हैं
उदाहरण जैसे :-
राम का भाई ‘छोटा’ है। मुझे चाँद ‘सुन्दर’ लगता है।

विशेषण के भेद

विशेषण के चार भेद होते हैं-


1. गुणवाचक विशेषण | Adjectives of Quality
2. परिमाणवाचक विशेषण | Adjectives of Quantity
(i).निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ii). अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
3. संख्यावाचक विशेषण | Numeral Adjectives
(i). निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ii).अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
4. निर्देशक या सार्वनामिक विशेषण | Demonstrative Adjectives

1.गुणवाचक विशेषण
Adjectives of Quality

गुणवाचक विशेषण | Adjectives of Quality जिस शब्द से किसी पदार्थ के गुण, दोष, रंग, आकार आदि का बोध होता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
विशाल, लाल महल, समुन्द्र, पुराना वस्त्र, लोभी मानव आदि।
आकर- गोल, चौकोर, नुकीला, सुडौल, सुन्दर आदि।
समय- नया, पुराना, पिछला, अगला, आगामी आदि।
दशा- पतला, दुबला, मोटा, पतला, निर्धन, रोगी आदि।
दोष- लोभी, पापी, बुरा, दुष्ट, नीच आदि।
स्थान- ऊँचा, नीचा, लम्बा, चौड़ा, बाहरी, भीतरी आदि।
रंग- लाल, हरा, नीला, पीला, काला, सफेद आदि।
गुण- दानी, दयालु, वीर, शांत, भला, आदि।

2. परिमाणवाचक विशेषण
Adjectives of Quantity

परिमाणवाचक विशेषण (Adjectives of Quantity) – जिस शब्द से किसी पदार्थ के परिमाण यानी नाप-तोल का बोध होता है, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
‘थोड़ा’ पानी, ‘बहुत’ दूध आदि।
यहाँ पर थोड़ा और बहुत दोनों विशेषण है। जो दूध और पानी के परिमाण को बतलाता है।
परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद हैं :-

(i).निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण :- जिस शब्द से निश्चित मापतोल का बोध होता है उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
बीस एकड़ भूमि, दो तोला सोना आदि।

(ii). अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण :-जिस शब्द से किसी अनिश्चित माप-तोल का बोध होता है उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
बहुत दूध, थोडा घी, कुछ सोना आदि।


3.संख्यावाचक विशेषण
Numeral Adjectives

संख्यावाचक विशेषण | Numeral Adjectives:– जिस शब्द से पदार्थो कि संख्या का बोध होता है उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
दस लड़के, पाँच कवि, तीसरी गली आदि।


संख्यावाचक विशेषण भी दो प्रकार के होते हैं :-


(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण : - जिस शब्द से निश्चित संख्या का बोध होता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
चार औरतें, पाँच लड़कियाँ, पहला कमरा, दो लडकें आदि।


(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण-

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणजिस शब्द से अनिश्चित संख्या का बोध होता है, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण जैसे :-
सभी लड़के, कुछ लड़कियाँ, बहुत पंक्षी आदि।

4. निर्देशक या सार्वनामिक विशेषण
Demonstrative Adjectives

निर्देशक या सार्वनामिक विशेषण | Demonstrative Adjectives वे विशेषण जो किसी व्यक्ति या वस्तु के विषय में संकेत या निर्देश का बोध कराता है, उसे निर्देशक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
ये निर्देशक या संकेत करने वाले शब्द सर्वनाम ही होते हैं। अतः इसका नाम सार्वनामिक विशेषण है।
उदाहरण जैसे :-
उदाहरण : 1. वह पुस्तक मेरे घर पड़ी है।
उदाहरण : 2. ‘बालक’ और ‘पुस्तक’ विशेषण बनकर आयें है।
उदाहरण : 3. इनमे ‘यह’ और ‘वह’ सर्वनाम है।
उदाहरण : 4. यह बालक पाठशाला में पढता है।

अतः ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते है।


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