(‘क’ से शुरू होने वाले पर्यायवाची शब्द )Ka se paryayvachi-shabd SET-5

हिन्दी व्याकरण : ‘क’ से शुरू होने वाले समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द | Synonyms in Hindi SET-5

हिन्दी व्याकरण : ‘क’ से शुरू होने वाले समानार्थक शब्द या पर्यायवाची शब्द
Synonyms in Hindi SET-1

किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं या जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थक या पर्यायवाची शब्द कहते है। यद्यपि पर्यायवाची शब्दों के अर्थ में समानता होती है, लेकिन प्रत्येक शब्द की अपनी विशेषता होती है और भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करते हुए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अत: पर्यायवाची का अर्थ है - समान अर्थ देने वाल़ा । हिन्दी भाषा में एक शब्द के समान अर्थ वाले कई शब्द हमें मिल जाते हैं। सरल शब्दों में जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थक, समानार्थी या पर्यायवाची शब्द कहते हैं।पर्यायवाची में ‘पर्याय’ शब्द का अर्थ- ‘समान’ तथा ‘वाची’ शब्द का अर्थ-‘बोले जाने वाले’ से है, अर्थात जिन शब्दों का अर्थ समान होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं।

किसी शब्द के समान अथवा लगभग समान अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को पर्यायवाची (Synonyms) शब्द कहते हैं जैसे–क्रोध का पर्यायवाची:- रोष, कोप, ताव, अमर्ष, गुस्सा, आक्रोश, कोह, प्रतिघात आदि, पर्यायवाची शब्दों को ‘प्रतिशब्द’ या ‘समानार्थी शब्द’ भी कहते हैं, क्योंकि ये समान अर्थ (लगभग समान अर्थ) व्यक्त करते हैं। किसी भी भाषा की सबलता के प्रतीक पर्यायवाची शब्द होते है। जिस भाषा में जितने ही अधिक पर्यायवाची शब्द होंगे वह भाषा उतनी ही अधिक समृद्ध होगी। इस दृष्टिकोण से हिन्दी सम्पन्न भाषा है।यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं।पर्यायवाची शब्द को ‘प्रतिशब्द’ भी कहा जाता है। किसी भी भाषा में पर्यायवाची शब्दों की जितनी अधिकता होती है, वह भाषा उतनी ही सम्पन्न होती है।हिन्दी भाषा के पर्यायवाची शब्द संस्कृत भाषा के ‘तत्सम शब्द’ हैं, जिन्हें हिंदी भाषा में ज्यों-का-त्यों ले लिया गया है। कहा जा सकता है कि पर्यायवाची ऐसे शब्द होते हैं जिसमे शब्द तो अलग-अलग होता है लेकिन उनका अर्थ समान होता है।




पर्यायवाची शब्दों की सूची निम्न प्रकार से है -


क्रमशब्द पर्यायवाची शब्द
66कूल तट, किनारा, तीर ।
67कृतज्ञ उपकृत, अनुगृहीत, ऋणी, आभारी, कृतार्थ, एहसानमंद।
68कृत्रिम नकली, झूठा, दिखावटी, अवास्तविक, बनावटी।
69कृपा  करुणा, अनुकम्पा, दया, प्रसाद, अनुग्रह।
70कृश  क्षीणकाय, कमजोर, दुर्बल, दुबला, कृशकाय ।
71कृषक काश्तकार, हलधर, जोतकार, किसान, खेतिहर ।
72कृषि  खेतीबाड़ी, किसानी, काश्तकारी ।
73कृष्ण जनार्दन, गोपाल, कन्हैया, मधुसूदन,  राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, मुरारी, नन्दनन्दन, राधारमण, दामोदर, ब्रजवल्लभ, गोपीनाथ, मुरलीधर, द्वारिकाधीश, यदुनन्दन, कंसारि, रणछोड़, बंशीधर, गिरधारी, नन्दकिशोर, नन्दकुमार, बिहारी ।
74केतन  झंडा, ध्वज, पताका, परचम ।
75केला कदली, रम्भा, वारण, अशुमत्फला, भानुफल, काष्ठीला ।
76केवट  माँझी, मल्लाह, खेवैया, नाविक ।
77केसरी  नाहर, शेर, सिंह, वनराज, मृगराज, मृगेंद्र ।
78कोकिल  कोयल, कोकिला, पिक, श्यामा ।
79कोमल सुकुमार, मृदुल, नाजुक, नरम, सौम्य, मुलायम ।
80कोयल  कोकिल, कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, मदनशलाका , कुहुकिनी, वनप्रिया, श्यामा, ।
81कोविद  पंडित, विद्वान, विशारद ।
82कौशल हुनर, फ़न, कला, योग्यता, कुशलता ।
83क्रूर  बेदर्द, बेदर्दी, बेरहम, बर्बर ।
84क्रोध  रोष, कोप, ताव, अमर्ष, गुस्सा, आक्रोश, कोह, प्रतिघात ।
85क्लिष्ट संकुल, कठिन, दुरूह, दुःसाध्य ।




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