अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं :–
अविकारी शब्द को अव्यय भी कहते हैं। वे शब्द जिनमे लिंग, वचन करक आदि के कारण कोई भी परिवर्तन नहीं होता है, उसे अव्यय या अविकारी शब्द कहते हैं- जैसे- कैसे, कहां, कितना आदि। अव्यय के मुख्य चार प्रकार हैं –
1. क्रियाविशेषण
2. सम्बन्ध बोधक
3. समुच्चय बोधक विशेषण या योजक
4. विस्मयादि बोधक
हिन्दी व्याकरण : विस्मयादिबोधक | Interjection
विस्मय प्रकट करने वाले शब्द को विस्मायादिबोधक कहते हैं।
जिन अविकारी शब्दों से हर्ष, शोक, घृणा, दुःख, पीड़ा आदि का बोध होता है उसे विस्मयादि बोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे- ओह!, हे!, अरे!, वह!, अति, सुन्दर!, उफ!, हाय!, सावधान!, बहत अच्छा!, तौबा-तौबा!, धिक्कार! आदि।
उदाहरण जैसे :-
अरे! मैं तो भूल ही गया था कि आज मेरा जन्म दिन है।
यहाँ "अरे" शब्द से विस्मय का बोध होता है अतः यह विस्मयादिबोधक है।
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